बिहार: अवैध बालू खनन मामले में डीजीपी ने 4 इंस्पेक्टर और 14 एसआई को किया सस्पेंड
पटना: बालू के अवैध खनन के मामले में लगातार कार्रवाई का सिलसिला जारी है. अभी बीते मंगलवार को ही दो एसपी, चार एसडीपीओ समेत 18 पुलिस व प्रशासनिक अफसरों पर निलंबन की कार्रवाई की गई थी. इसके अगले ही दिन अब बुधवार को डेढ़ दर्जन इंस्पेक्टर और दारोगा को निलबिंत कर दिया गया है. इनमें चार इंस्पेक्टर और 14 दारोगा शामिल हैं जिनपर कार्रवाई की गई है. इन सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी चलाने का निर्देश दिए गए हैं. डीजीपी एसके सिंघल के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है. इन सभी पुलिस अफसरों के खिलाफ आर्थिक अपराध इकाई ने जांच की थी और बालू माफियाओं से इनके संबंधों को उजागर किया था.
बताया जाता है कि निलंबित किए गए सभी इंस्पेक्टर और दारोगा पहले पटना, भोजपुर, सारण, औरंगाबाद और रोहतास के जिले के थानों में पदस्थापित थे. आर्थिक अपराध इकाई की जांच में बालू के अवैध खनन में संदिग्ध भूमिका मिलने के बाद इन सभी का 10 जुलाई को जोन से बाहर तबादला किया गया था. इन सभी पर भी अब एक्शन लिया जाने लगा है.
जिन दारोगा पर बिहार पुलिस मुख्यालय की ओर से निलंबन की कार्रवाई की गई है उनके नाम हैं- जिनमें 4 इंस्पेक्टर अरविंद कुमार गौतम, दयानंद सिंह, सुनील कुमार, अवधेष कुमार झा के अलावा 14 दारोगा (Sub-Inspector) संजय प्रसाद, रहमतुल्ला, विजेन्द्र प्रसाद सिंह, कृपाशंकर, प्रसाद कुमार गुप्ता, दीप नारायण सिंह, आनंद कुमार सिंह, सतीश कुमार सिंह, पंकज कुमार, राजेश कुमार चौधरी, दिनेश कुमार दास, राज कुमार, अशोक कुमार और राम कुमार राम के नाम शामिल हैं.
इससे पहले बिहार सरकार के गृह विभाग के आरक्षित शाखा की अधिसूचना के मुताबिक अवैध बालू खनन में संलिप्त दो आईपीएस (IPS) चार डीएसपी (DSP) समेत कुल 18 अधिकारियों पर कार्रवाई की गई थी. भोजपुर के तत्कालीन एसपी राकेश कुमार दुबे और औरंगाबाद के तत्कालीन एसपी सुधीर पोरिका समेत चार डीएसपी तनवीर अहमद, पंकज कुमार रावत, अनुपम कुमार और संजय कुमार को निलंबित किया गया था.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी बालू के अवैध कारोबार को लेकर बयान दे चुके हैं. हाल ही में उन्होंने कहा था कि मामले की गंभीरता से जांच की जाती है. पूरे मामले में जो भी कर्मचारी गड़बड़ी करने में संलिप्त पाए जाते हैं तो उनपर भी कार्रवाई की जाएगी.