पटना: बिहार की जनता अब सीधे अपनी परेशानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुना सकेगी. ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री अगले सप्ताह के सोमवार यानी 12 जुलाई से एक बार फिर जनता दरबार लगाएंगे. विधानसभा चुनाव के बाद ही मुख्यमंत्री ने ये घोषणा की थी कि वो फिर से जनता दरबार लगाएंगे. लेकिन कोरोना की वजह से कार्यक्रम की शुरुआत नहीं हो पाई थी. पर अब मुख्यमंत्री ने खुद जनता दरबार शुरू करने का एलान किया है.
जनता दरबार सप्ताह में हर दिन सोमवार को आयोजित किया जाएगा. जनता दरबार में कोविड प्रोटोकॉल का पालन हर हाल में सुनिश्चित किया जाएगा.
पूर्व में जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम मुख्यमंत्री आवास (CM House Patna) के एक हिस्से में होता था पर वहां निर्माण होने की वजह से अब यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद परिसर में होगा.वहां इस आयोजन के लिए निर्माण चल रहा है. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को सीधे बिहार के हर हिस्से से आने वालों से रूबरू होने का मौका मिलता है.
जनता दरबार के संबंध में मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि जो मेरी इच्छा थी जनता दरबार करने की, वो अब मैं करूंगा. दो टेन्योर तक जनता के दरबार में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम किया गया. हर महीने कम से कम तीन सोमवार को ये कार्यक्रम किया जाता था. लेकिन लोक सेवा अधिकार कानून बनने के बाद इस कार्यक्रम को करना बंद कर दिया गया था क्योंकि इसकी जरूरत नहीं महसूस होती थी.
उन्होंने कहा, ” कार्यक्रम बंद करने के बाद कुछ लोगों ने कहा कि नहीं ये कार्यक्रम होना चाहिए. ये अच्छी पहल है. इसलिए चुनाव के बाद मैंने इसको दोबारा शुरू करने का एलान किया था और अब अगले सोमवार यानी 12 तारीख से मैं ये कार्यक्रम करूंगा. पुराने तरीके को ही अपनाया जाएगा. चूंकि कोरोना का दौर है इसलिए आने वाले लोगों को जिला स्तर से गाड़ी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.”
बता दे कि 2005 में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2006 से जनता दरबार की शुरुआत की थी. इस जनता दरबार में बिहार के सुदूर इलाके से भी लोग फरियादी के रूप में पटना पहुंचते थे.
सोमवार को आयोजित होने वाले इस जनता दरबार में मुख्यमंत्री जनता की बातों को स्वयं सुनते थे और फौरी तौर पर इसके निपटारा का आदेश भी देते थे. दरअसल जनता दरबार के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जमीनी पकड़ काफी मजबूत हुई. 2016 तक यानी 10 वर्षों तक यह जनता दरबार सफलतापूर्वक आयोजित होता रहा, हालांकि बाद में लोक शिकायत निवारण कानून राज्य में लागू हो गया. इस कानून के लागू होने के बाद जनता दरबार लगना बंद हो गया था. हालांकि एक बार फिर करीब 5 सालों के बाद जनता दरबार की फिर से शुरुआत होने जा रही है. इस जनता दरबार को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक भी आयोजित की गई.
इस मीटिंग में डीजीपी समेत राज्य प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद रहे. इस बैठक में शारीरिक दूरी, मास्क, सैनेटाइजर समेत सभी चीजों पर विस्तार से चर्चा की गई. सूत्रों की मानें तो जनता दरबार में हर सोमवार को अलग-अलग विभागों के मामले की सुनवाई होगी और संबंधित विभागों के अधिकारी भी जनता दरबार में मौजूद रहेंगे. इस साल जनवरी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दरबार शुरू किए जाने को लेकर मीडिया से भी चर्चा की थी. मुख्यमंत्री द्वारा फिर से जनता दरबार शुरू किए जाने से आम लोग काफी राहत महसूस करेंगे.