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पीएमसीएच की बड़ी लापरवाही: जीवित मरीज को मृत बताकर परिजनों को सौंपा दूसरे का शव

पटना: राजधानी पटना के सबसे प्रतिष्ठित अस्पताल पीएमसीएच में एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली है.  यहां जिंदा मरीज के परिजनों को किसी दूसरे की लाश सौंप दी. हैरानी की बात ये है कि मरीज अभी भी जिंदा है और उसकी तबियत में सुधार हो रहा है. दरअसल, यहां दाह संस्कार क्रम के दौरान परिजनों ने जब मुखाग्नि देने के लिए चेहरे का कवर हटाया, तो पता चला कि शव उनके परिजन का है ही नहीं. 

अंत्येष्टि से पहले दूसरे की डेडबॉडी देख परिजन वापस PMCH पहुंचे और अंदर जाकर पड़ताल की तो अपने मरीज को जिंदा पाया.इस करिश्मे से एक तरफ परिजन खुश हैं कि उनका मरीज जिंदा है और गुस्से में हैं कि उन्हें गमज़दा कर परेशान किया गया.

मिली जानकारी के अनुसार ब्रेन हैमरेज से पीड़ित व्यक्ति को परिजनों ने 9 अप्रैल को पीएमसीएच में भर्ती कराया था.  परिजनों का आरोप है कि भर्ती कर बेड दिलाने के लिए भी उनसे 200 रुपये लिए गए थे. अंदर किसी को जाने भी नहीं दिया जा रहा था. इसके बाद शनिवार की रात परिजनों ने एक स्टाफ को 150 रुपये देकर मरीज का वीडियो अंदर से बनवाकर मंगाया. तब वो ठीक थे. आज रविवार की सुबह 10 बजे के करीब बताया गया कि आपके मरीज की स्थिति खराब हो गई है. फिर एक घंटे बाद उन्हें मृत बताकर अस्पताल ने सब कागजी कार्रवाई कर दी और डेडबॉडी को पैक कर हमें दे दिया.

चुन्नू कुमार की पत्नी कविता देवी के अनुसार उन्हें जब मौत की जानकारी मिली तो एक पल के लिए समझ ही नहीं आया कि क्या करें. अस्पताल में कहा गया कि डेडबॉडी घर नहीं ले जाना है. इसके बाद हमलोग बॉडी लेकर अंतिम संस्कार के लिए बांसघाट गए. वहां मशीन पर चढाने से पहले मैंने अंतिम बार चेहरा देखने की जिद की. इसपर भी रुपये मांगे गए और तब चेहरा दिखाने के लिए बॉडी को खोला गया. लेकिन मैं दूर से भी पहचान गई. न चेहरा उनका था, न कपड़े, न कदकाठी. तब हमलोगों ने संस्कार करने से मना कर दिया और वापस PMCH आ गए.

कविता देवी ने आगे बताया कि जब मैंने डेडबॉडी को पहचान लिया तभी मुझे लग गया था कि मेरे पति जिंदा हैं. उस समय जो शॉक लगा था और अब जो ख़ुशी मिली है, उसे शब्दों में बता नहीं सकते. उन्होंने कहा कि पैर में प्लास्टर होने की वजह से मेरे पति दिसंबर से ही बेड पर थे. हमलोगों ने अपने परिवार में सबका कोरोना टेस्ट करवा लिया, किसी को कुछ नहीं निकला, फिर उनको पॉजिटिव कैसे बता दिया सब, समझ नहीं सकते. हमलोग इस मामले में जहां तक हो सकेगा, शिकायत करेंगे ताकि किसी और को ऐसी परेशानी न उठानी पड़े.

चुन्नू की पत्नी और वहां मौजूदा परिजनों के अनुसार अस्पताल में कोरोना इलाज के नामपर बड़ी लापरवाही बरती जा रही है. शुक्रवार को जब चुन्नू को कोरोना पॉजिटिव बताया गया तो परिवार के 12 सदस्यों ने अपना भी टेस्ट कराया. छोटे बच्चों से लेकर 70 वर्ष के बुजुर्ग तक निगेटिव निकले. चुन्नू भी चार माह ने बेड पर पड़े थे. बिना कहीं बाहर गए सिर्फ वो कैसे पॉजिटिव हो गए, यह सवाल परिवार उठा रहा है. उनका यह भी कहना है कि ब्रेन हैमरेज के पेशेंट को, जिसे तत्काल इलाज की जरूरत है, कोरोना के नामपर अलग रख दिया गया है. कहा गया कि जबतक निगेटिव नहीं होंगे, तब तक आगे इलाज नहीं होगा.

इस लापरवाही पर PMCH के सुपरिटेंडेंट डॉ इंदु शेखर ठाकुर ने कहा कि जानकारी मिली है. हम इसकी जांच करा रहे हैं. हेल्थ मैनेजर या जिस भी स्तर से गड़बड़ी मिलेगी, कार्रवाई करेंगे. जो डेडबॉडी दी गई थी, वो मंगा ली गई है. हम अभी PMCH में सुविधाएं बढ़ाने में लगे हुए हैं. जल्द ही आम मरीजों के लिए 20 बेड और मिल जाएंगे.

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