बिहार में कोरोना के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं यह सभी के लिए चिंता का विषय बन गया है. पिछले 72 घंटे में ही बिहार में 600 से ज़्यादा कोरोना संक्रमण के मरीज मिले हैं. जानकारी के अनुसार 70 प्रतिशत वैसे लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं जो बिहार के बाहर से आ रहे हैं. नए मिले कोरोना संक्रमितों में अधिकतर कोरोना संक्रमित महाराष्ट्र, छत्तीसगढ, दिल्ली (नोएडा), पंजाब, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से आने वाले हैं.
वहीं बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का कहना है कि बिहार में देश के दूसरे राज्यों के मुकाबले केस कम है. बावजूद इसके कोरोना के मामले बढ़ने से स्वास्थ्य विभाग चिंतित है और ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग कराने पर जोर दिया जा रहा है.
मंगल पांडे का कहना है कि अस्पतालों को भी अलर्ट कर दिया गया है, लेकिन फिलहाल बिहार में लॉकडाउन लगाने का कोई इरादा नहीं है. मंगल पांडे का यह भी कहना है कि दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार की स्थिति बेहतर है और कहीं भी लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं है, जिलों पर भी नजर है. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह सारी जानकारी दी.
‘बिहार में कोरोना के मामले दूसरे राज्यों से बेहतर हैं. हम लोग पूरे मामले पर नजर रख रहे हैं और लगातार टेस्टिंग भी बढ़ा रहे हैं, चिंता की बात नहीं है. प्रधान सचिव लगातार बैठक कर रहे हैं और जिलों से रिपोर्ट ले रहे हैं. भारत सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं, और बिहार में कहीं भी लॉकडाउन लगाने की अभी जरूरत नहीं है. दूसरे राज्यों में जिस प्रकार से कोरोना के मामले बढ़े हैं बिहार में अभी उस तरह की स्थिति नहीं है.’- मंगल पांडे, स्वास्थ्य मंत्री, बिहार
बता दें कि राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या बढ़कर 1487 हो गई है. दस दिन पहले 19 मार्च को कोरोना के सक्रिय मरीजों की संख्या 436 थी. दस दिनों में राज्य में कोरोना के सक्रिय मरीजों में 1051 की बढ़ोतरी हो गयी. इस दौरान नये कोरोना संक्रमितों की लगातार पहचान होने से कोरोना संक्रमण के दायरे में विस्तार हुआ है. बिहार में पिछले 24 घंटे में 29224 सैंपल की जांच हुई है. बिहार में संक्रमित लोगों का रिकवरी रेट 98.86 फ़ीसदी है जबकि राष्ट्रीय औसत 94.18 प्रतिशत है.