पांच राज्यों में चुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया है. ये राज्य पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम और पुडुचेरी हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शुक्रवार चुनाव शेड्यूल जारी किया. इसके मुताबिक पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा 8 फेज में चुनाव होंगे. असम में 3 फेज में और बाकी तीनों राज्यों में सिंगल फेज में चुनाव होंगे. पश्चिम बंगाल में पहले फेज की वोटिंग 27 मार्च को होगी. पश्चिम बंगाल समेत पांचों राज्यों में वोटों की गिनती 2 मई को होगी.
बंगाल में 8 चरणों में मतदान
पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान होगा. बंगाल में 27 मार्च को पहले चरण में मतदान होगा. दूसरे चरण में 1 अप्रैल को मतदान होगा. तीसरे चरण में 6 अप्रैल, चौथे चरण में 10 अप्रैल, पांचवें चरण में 17 अप्रैल, छठे चरण में 22 अप्रैल, सातवें चरण में 26 अप्रैल और आठवें चरण में 29 अप्रैल को मतदान होगा. जबकि मतगणना 2 मई को की जाएगी.
पुडुचेरी में 6 अप्रैल को मतदान
केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में एक चरण में मतदान होगा. नतीजे 2 मई को आएंगे.
चुनाव की अधिसूचनाः 12 मार्च
नामांकन की आखिरी तिथिः 19 मार्च
नामांकन पत्रों की जांचः 28 मार्च
नाम वापसी की तिथिः 22 मार्च
मतदान की तिथिः 6 अप्रैल
मतगणना की तिथिः 2 मई को आएंगे नतीजे.
तमिलनाडु और केरल में 1 चरण में मतदान
तमिलनाडु और केरल में महज एक चरण में मतदान होगा. मतदान 6 अप्रैल को होगा. मतगणना दो मई को कराई जाएगी. इसी तरह केरल में भी 6 अप्रैल को ही मतदान होगा.
असम में 3 चरणों में होंगे मतदान
असम में विधानसभा चुनाव 3 चरणों में होंगे. मतगणना 2 मई को होगी.
पहला चरण—47
चुनाव की अधिसूचनाः 2 मार्च
नामांकन की आखिरी तिथिः 9 मार्च
नामांकन पत्रों की जांचः 10 मार्च
नाम वापसी की तिथिः 12 मार्च
मतदान की तिथिः 27 मार्च
मतगणना की तिथिः 2 मई को आएंगे नतीजे.
सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए चुनाव होंगे. पांच राज्यों में कुल 824 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होंगे। 18.68 करोड़ मतदाता तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल, असम और पुडुचेरी में 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर वोट डालेंगे. कोरोना के कारण मतदान का समय एक घंटा बढ़ाया गया है. सभी चुनावी अधिकारियों का कोरोना टीकाकरण होगा. चुनाव ग्राउंंड फ्लोर पर होंगे. चुनाव के दौरान पर्याप्त केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की तैनाती सुनिश्चित की जाएगी. सभी महत्वपूर्ण, संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान की गई है और पर्याप्त संख्या में सीएपीएफ की तैनाती की जाएगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा के अनुसार केरल में पहले 21,498 चुनाव केंद्र थे, अब यहां चुनाव केंद्रों की संख्या 40,771 होगी. पश्चिम बंगाल में 2016 में 77,413 चुनाव केंद्र थे अब 1,01,916 चुनाव केंद्र होंगे. असम में 2016 विधानसभा चुनाव में 24,890 चुनाव केंद्र थे, 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 33,530 होगी. तमिलनाडु में 2016 विधानसभा चुनाव में 66,007 चुनाव केंद्र थे, 2021 में चुनाव केंद्रों की संख्या 88,936 होगी.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने जानकारी दी कि चुनाव के दौरान नियमों का पालन अनिवार्य होगा. घर-घर चुनाव प्रचार के लिए पांच लोगों के साथ जाने की अनुमति होगी. नामांकन की प्रक्रिया और सिक्योरिटी मनी ऑनलाइन भी जमा होगी. रैली के मैदान तय होंगे. सभी राज्यों में सुरक्षा बल पहले ही भेज दिए जाएंगे.
चुनाव आयोग ने कहा कि राजनीतिक दल अपने अपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार के बारे में लोकल अखबार, चैनल और अपनी वेबसाइट पर जानकारी देंगे. ताकि जनता को पता रहे कि उम्मीदवार कैसा है?