पटना: बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को बेखौफ बदमाशों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया है. इंडिगो के स्टेशन हेड रूपेश सिंह को बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां दागकर पटना के पुनाइचक में कुसुम विला अपार्टमेंट के पास मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद नीतीश सरकार न सिर्फ अपनी सहयोगी भाजपा बल्कि विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है.
इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने डीजीपी एस के सिंघल से जानकारी लेने के साथ हत्यारों को अविलम्ब गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. डीजीपी एसके सिंघल ने नीतीश कुमार को ये बताया है कि इस मामले में एसआईटी गठित कर टीम कार्रवाई कर रही है. जल्द ही अपराधी पुलिस की गिरफ्त में होंगे. यही नहीं, इस मामले में राज्य सरकार ने एसआईटी भी गठित कर दी है.
इसके साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिकारियों को चेतावनी दी है कि लापरवाही किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी. वहीं उन्होंने रूपेश सिंह हत्याकांड में स्पीड ट्रायल चलाकर दोषियों को जल्द सजा दिलाने का निर्देश दिया है.
इस हत्याकांड की वजह से नीतीश सरकार न सिर्फ अपनी सहयोगी भाजपा बल्कि विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है. इस बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘बिहार में अपराध की खबरें सामने न आएं अगर इतनी ही एडिटिंग और मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री क्राइम रोकने में लगाते तो ये नौबत न आती. सीएम नीतीश कुमार से अब बिहार संभलने वाला नहीं. अगर गृह विभाग नहीं संभल रहा तो किसी और को दे दें. उनको जबरदस्ती मुख्यमंत्री बनाया गया है नहीं तो मुख्यमंत्री भी नहीं बनते.’
इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने कहा, ‘बिहार गलत हाथों में चला गया है. हम सवाल कर रहे हैं कि इस महाजंगल राज का महाराजा कौन है? सरकार ही गुंडा चला रहे हैं तो क्या उम्मीद कर सकते हैं. सरकार में रहने वाले लोग संरक्षण देने का काम कर रहे हैं.’
इससे पहले बीजेपी सांसद विवेक ठाकुर ने इस घटना के बाद कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बिहार की एनडीए सरकार पर बड़ा सवाल उठाया है. विवेक ठाकुर ने कहा कि तीन से पांच दिन के अंदर पुलिस को एक निष्कर्ष पर आना ही होगा जिससे सीबीआई को भी इस केस को देने की स्थिति में यह मामला घिसा-पिटा न हो जाए. राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर ने कहा, ‘जिस शख्स की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है, उसे इस तरह से सरेआम गोलियां मारी गई हैं. यह बिहार की नई सरकार पर बड़ा सवाल है. अगर तीन से पांच दिन में निष्कर्ष न निकले तो इस केस को बिहार सरकार को तुरंत सीबीआई को सौंपना चाहिए. इस बात की भी तहकीकात होनी चाहिए कि क्या लॉ एंड ऑर्डर की बात प्रायोजित है. रूपेश के हत्यारे कौन हैं और उनकी हत्या क्यों की गई यह जानना पटना पुलिस के लिए चुनौती है जिसे तीन से पांच दिन में पूरा करना होगा.’ विवेक ने कहा कि जांच समय से होनी चाहिए वरना इस केस का भी हाल सुशांत सिंह केस टाइप हो जाएगा और केस सीबीआई को लंबे अंतराल के बाद मिलेगी.