हिमाचल में बर्ड फ्लू से प्रवासी पक्षियों की मौतों का आंकड़ा 2000 के पार, पड़ोसी राज्यों को भी अलर्ट जारी
हिमाचल प्रदेश में प्रवासी पक्षियों की मौतों की संख्या 2000 के पार हो गई है. मौतों का कारण बर्ड फ्लू है. पालमपुर और जालंधर के बाद भोपाल से आई रिपोर्ट में बर्ड फ्लू से मौत की पुष्टि हो गई है. इसके चलते पौंग बांध एरिया को सील कर दिया गया है. 1 किलोमीटर क्षेत्र रेड जोन बनाया गया है. इसके अलावा 9 किलोमीटर तक का क्षेत्र सर्विलांस जोन बनाया गया है. यही नहीं बांध के आसपास किसी भी तरह की गतिविधि पर रोक लगा दी गई है.
कांगड़ा जिले में गतिविधियों पर रोक
पौंग बांध पर पर्यटन में रोक लगा दी है. DC कांगड़ा राकेश प्रजापति ने पॉल्ट्री फार्म में विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी है. इसके अलावा कांगड़ा के उपमंडल इंदौरा, फतेहपुर, जवाली और देहरा में चिकन और अंडे की बिक्री पर रोक लगा दी है. संबंधित दुकानें आगामी आदेश तक बंद रहेंगी. ये चारों उपमंडल पौंग बांध से सटे हुए हैं. ऐसे में प्रशासन ने यहां हाईअलर्ट जारी किया है. पौंग बांध क्षेत्र में आवाजाही पर प्रशासन ने तीन दिन पहले ही रोक लगा दी थी.
पहले प्रशासन ने स्थानीय लोगों पर शिकार का शक जताया था, लेकिन पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ने पर अधिकारियों ने तत्काल पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी.DC कांगड़ा ने पशुपालकों से भी अपील की है कि वे मवेशियों के साथ इस क्षेत्र में न जाएं. उधर पशुपालन विभाग भी अलर्ट हो गया है. विभाग के अधिकारियों को सरकार ने कड़े निर्देश जारी किए हैं. इनमें कहा गया है कि वह बर्ड फ्लू को इंसान में फैलने से रोकने के कड़े कदम उठाएं.
पड़ोसी राज्यों के अलर्ट जारी
भोपाल से आई पशु रोग संस्थान की रिपोर्ट में वायरस की पुष्टि होने के बाद हिमाचल प्रदेश का वन्य प्राणी विंग खासा सतर्क हो गया है. इस विंग ने पड़ोसी पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड दिल्ली समेत कई राज्यों को अलर्ट जारी किया है. अलर्ट में कहा गया है कि वे अपने राज्यों के प्रवासी पक्षियों की गतिविधियों पर नजर रखें. हिमाचल में पाया गया बर्ड फ्लू सामान्य फ्लू नहीं है, यह पक्षियों से इंसान में भी फैल सकता है.
पक्षियों की मौत का सिलसिला जारी
सोमवार को पौंग डैम वेटलैंड में 627 और विदेशी पक्षियों की मौत हो गई थी. इनमें से 122 धमेटा वीट और 505 नगरोटा सूरियां में मृत पाए गए हैं. इसके साथ ही पौंग डैम वेटलैंड में मृतक पक्षियों का आंकड़ा 2000 के पार हो गया है. पक्षियों के मरने का पहला मामला 28 दिसंबर, 2020 को सामने आया था. वहीं जांच के लिए वाइलड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया, देहरादून से तीन सदस्यीय टीम भी पौंग डैम पहुंच गई है.
प्रवासी पक्षी ट्रांस हिमालयन से आते हैं
मृत परिंदों में बार हेडिडगूज, ग्रे लेग गूज, कॉमन पोचार्ड प्रजाति के पक्षी शामिल हैं. अंतरराष्ट्रीय रामसर वेटलैंड पौंग बांध में आने वाले प्रवासी पक्षी ट्रांस हिमालयन से आते हैं. सर्दियों के मौसम में हिमालयन के तहत ऊंचाई वाले क्षेत्रों की झीलें जमना शुरू हो जाती हैं. ऐसे में विभिन्न देशों के यह पक्षी पौंग झील की ओर रुख करते हैं. यहां जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में होने वाली वार्षिक गणना के दौरान हजारों प्रजातियों के लाख से भी ज्यादा पक्षी दर्ज किए जाते हैं. जहां से प्रवासी पक्षी हिमाचल आते हैं, इनमें सेंट्रल एशिया, साइबेरिया, मंगोलिया, यूरोप के कई देश शामिल है.