ब्रिटेन में कोरोना के नए स्ट्रेन के मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. इस वजह से कई यूरोपीय देशों ने ब्रिटेन से आवाजाही पर रोक लगा दी. इसी कड़ी में भारत सरकार ने भी ब्रिटेन से आने वाली फ्लाइट्स पर 31 दिसंबर तक रोक लगा दी है. फ्लाइट्स पर बैन का समय आज रात 12 बजे से शुरू होगा. उससे पहले आने वाली फ्लाइट्स के हर पैंसेजर के लिए RT-PCR टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की ओर से सोमवार को इस बात की जानकारी दी गई. नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि हम अस्थायी तौर पर ब्रिटेन से आने और वहां जाने वाली सभी फ्लाइट्स पर प्रतिबंध लगा रहे हैं. सभी यात्री जो ब्रिटेन से भारत आ रहे हैं उन्हें आरटी- पीसीआर टेस्ट (RT-PCR Test) कराना और सात दिन के क्वारंटाइन में रहना अनिवार्य होगा. मंत्रालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में बताया गया कि- पूरे एहतियात के मद्देनजर जो यात्री ब्रिटेन से आ रहे हैं उन्हें संबंधित एयरपोर्ट पर ही आरटीपीसीआर टेस्ट कराना होगा.
फ्लाइट को बैन करने की मांग दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की थी. केजरीवाल ने आज ट्वीट करके लिखा कि यूनाइटेड किंगडम में कोरोना के नए स्ट्रेन से हलचल है और वो सुपर स्प्रेडर की तरह काम कर रहा है. ऐसे में भारत सरकार को यूके की सभी फ्लाइट बैन करनी चाहिए.
वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ट्वीट में लिखा कि यूनाइटेड किंगडम में कोरोना की नई स्ट्रेन की खबर चिंताजनक है. भारत सरकार को इस मामले में तुरंत एक्शन लेना चाहिए और UK, अन्य यूरोपीय देशों से आने वाली फ्लाइट तुरंत बैन करनी चाहिए.
बता दें कि ब्रिटेन के कुछ हिस्सों में कोरोना वायरस के एक नए ‘बेकाबू’ प्रकार (स्ट्रेन) के तेजी से पांव पसारने के बीच जर्मनी, इटली, बेल्जियम, डेनमार्क, बुल्गारिया, आयरिश रिपब्लिक, तुर्की और कनाडा के ब्रिटेन से विमानों की आवाजाही पर रोक लगाने के बाद फ्रांस ने भी ब्रिटेन के लिए अपनी सीमाएं बंद करने का फैसला किया था. वहीं, जिन अन्य देशों और क्षेत्रों ने ब्रिटेन की यात्रा पर प्रतिबंध लगाया है उनमें हॉन्ग-कॉन्ग, इजराइल, ईरान, क्रोएशिया, अर्जेंटीना, मोरक्को, चिली और कुवैत शामिल हैं। ब्रिटेन में श्रेणी-4 के सख्त लॉकडाउन को लागू किया गया है और सभी अनावश्यक यात्राओं व कार्यक्रमों पर प्रतिबंध है.
70 फीसदी ज्यादा खतरनाक है नया रूप
वायरस का यह नया स्वरूप 70 प्रतिशत ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है, यद्यपि स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे कोई साक्ष्य नहीं हैं कि यह ज्यादा जानलेवा है या टीके को लेकर यह अलग तरह की प्रतिक्रिया देगा. ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक का कहना है कि स्थिति ‘बेहद गंभीर’ है और सरकार एक ‘बेकाबू’ वायरस के नए स्वरूप को रोकने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि यह एक जानलेवा बीमारी है, हमें इसे नियंत्रण में रखने की जरूरत है और इस नए स्वरूप ने इस काम को और मुश्किल बना दिया है.