देशभर में लोग बेसब्री से कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) का इंतजार करे हैं. लेकिन रविवार को आई खबर ने सबको चौंका दिया है. एक वॉलेंटियर ने कोवीशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) से गंभीर साइड-इफेक्ट होने का दावा किया है.40 वर्षीय व्यक्ति ने कहा है कि वैक्सीन की खुराक लेने के बाद गंभीर साइड इफेक्ट दिखे हैं, जिसमें वर्चुअल न्यूरोलॉजिकल ब्रेकडाउन जैसी समस्या भी शामिल है. इतना ही नहीं उसने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (सीआईआई) से 5 करोड़ के हर्जाने की भी मांग की है. हालांकि कंपनी ने आरोपों को गलत ठहराया है. और नाम खराब करने के लिए उल्टा वॉलेंटियर से 100 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना वसूलने की भी धमकी दी.
व्यक्ति ने सीरम इंस्टीट्यूट और अन्य को भेजे गए एक कानूनी नोटिस में मुआवजे से साथ ट्रायल पर रोक लगाने की मांग भी की है. व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि संभावित वैक्सीन सुरक्षित नहीं है. इसके साथ ही उसने वैक्सीन की जांच, उत्पादन और वितरण को रद्द करने की मांग भी की है. यह नोटिस बता दें कि इस वैक्सीन का भारत में ट्रायल पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया करवा रही है. सीरम इंस्टीट्यूट के साथ यह नोटिस आईसीएमआर और श्री रामचंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ हायर एजुकेशन रिसर्च को भी भेजा गया है. व्यक्ति ने आरोप लगाया कि टीका लगवाने के बाद उसे तीव्र मस्तिष्क विकृति, मस्तिष्क को प्रभावित करने वाली क्षति अथवा रोग का सामना करना पड़ा है और सभी जांचों से पुष्टि हुई है कि उसकी सेहत को टीका परीक्षण से नुकसान हुआ है. इस व्यक्ति को एक अक्तूबर को टीका लगाया गया था.
व्यक्ति ने आरोप लगाया है कि वैक्सीन की खुराक लेने के बाद उसे दिमाग को प्रभावित करने वाली समस्या एक्यूट एंसेफेलोपैथी का सामना करना पड़ा. व्यक्ति का कहना है कि सभी जांचों से यह साफ हो गया है कि उसके स्वास्थ्य में आई समस्याओं का कारण वैक्सीन ही है. नोटिस में कहा गया है कि वैक्सीन लेने के बाद व्यक्ति ट्रॉमा में चला गया, जिससे साफ होता है कि वैक्सीन सुरक्षित नहीं है और सभी हिस्सेदार उन प्रभावों को छिपाने की कोशिश कर रहे हैं जो उक्त व्यक्ति पर दिखे हैं.
सीरम इंस्टीट्यूट ने दिया ये जवाब
वहीं, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने इस दावे को लेकर रहा है कि उसे व्यक्ति की चिकित्सकीय स्थिति को लेकर सहानुभूति है, लेकिन उसके स्वास्थ्य और वैक्सीन ट्रायल के बीच कोई संबंध नहीं है. वह अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए ट्रायल पर गलत आरोप लगा रहा है.
संस्थान ने कहा कि यह दावा गलत है क्योंकि वॉलंटियर को स्पष्ट रूप से मेडिकल टीम की ओर से जानकारी दी गई थी कि जिन समस्याओं का उसने सामना किया वह वैक्सीन ट्रायल से अलग थीं. ये जानकारी देने के बाद भी उसने सार्वजनिक मंच पर जाना और कंपनी की प्रतिष्ठा को धूमिल करना चुना है.सीरम इंस्टीट्यूट ने बयान में कहा कि यह स्पष्ट है कि इस तरह की दुर्भावनापूर्ण जानकारी फैलाने के पीछे का उद्देश्य एक अजीबोगरीब मकसद है। हम इसे लेकर 100 करोड़ रुपये का दावा ठोकेंगे और इस तरह के गलत और आधारहीन दावों से खुद का बचाव करेंगे.