इस वर्ष का आखिरी चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगने जा रहा है. यह चंद्र ग्रहण कई तरह से विशेष है. इस दिन कार्तिक पूर्णिमा भी पड़ रही है. ऐसे में इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. चंद्र ग्रहण हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक शुक्ल की पूर्णिमा तिथि को इस वर्ष का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस बार का ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा. पंचांग के अनुसार इस दिन रोहिणी नक्षत्र रहेगा. आइए जानते हैं इस दिन का सूतक काल-
चंद्र ग्रहण का सूतक काल:
आने वाला चंद्र ग्रहण उपच्छाया मात्र होगा. कहा जाता है कि जब भी उपच्छाया ग्रहण लगता है तो सूतक काल मान्य नहीं होता है. पूर्ण ग्रहण में सूतक काल मान्य होता है. सामान्य चंद्रग्रहण में सूतक ग्रहण से 9 घंटे पूर्व लग जाता है, जो ग्रहण समाप्ति के साथ ही खत्म होता है. मान्यता है कि किसी भी प्रकार के शुभ कार्य सूतक काल में नहीं किए जाते हैं. इस दौरान कई चीजों का ध्यान भी रखना चाहिए. लेकिन 30 नवंबर को लगने जा रहे चंद्र ग्रहण में सूतक काल मान्य नहीं होगा.
चंद्र ग्रहण का समय:
भरतीय समयानुसार चंद्र ग्रहण दोपहर 01 बजकर 04 मिनट पर लगेगा जिसमें चंद्र एक छाया से पहला स्पर्श होगा. यह दोपहर 03 बजकर 13 मिनट पर परमग्रास चंद्रग्रहण होगा. यह शाम 05 बजकर 22 मिनट पर उपच्छाया से अंतिम स्पर्श करेगा. इस बार का चंद्रग्रहण भारत, अमेरिका, प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और एशिया में देखा जा सकता है. जब चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया पर न जाकर उसकी उपछाया से ही लौट जाती है तो उसे उपच्छाया चंद्रग्रहण कहते हैं. इससे चांद पर हल्की सी धुंधली परत बन जाती है.
किस राशि के लिए खतरनाक है यह चंद्रग्रहण:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण का सीधा प्रभाव जातक पर पड़ता है. ऐसे में क्योंकि साल का अंतिम चंद्र ग्रहण एक उपच्छाया ग्रहण है इसलिए यह ज्यादा प्रभावशाली नहीं है. लेकिन, क्योंकि यह वृष राशि में पड़ने वाला है. ऐसे में इसका सर्वाधिक प्रभाव वृष राशि के जातकों पर देखने को मिलेगा. इस राशि के जातक को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है. उन्हें अपनी माता की सेहत का ख्याल रखना होगा. साथ ही साथ खुद मानसिक तनाव से दूर रहना होगा.
क्या है ग्रहण के प्रभाव से बचने का उपाय:
- चंद्रग्रहण की समय सभी राशि वाले भगवान का नाम जरूर जपें,
- इस दौरान मंत्र जाप से आप पर पड़ने वाले प्रभाव कम हो सकते है,
- इस दौरान बाहर न निकलें,
- गर्भवती महिलाएं और बुर्जूगों को विशेष ख्याल रखना होगा.
- ग्रहण से पूर्व सभी भोजन में तुलसी पत्ता जरूर डाल दें या पहले ही भोजन समाप्त कर लें.
- ग्रहण के बाद स्नान करके ही कोई शुभ कार्य या भोजन करें.
- ग्रहण के बाद वृष राशि के जातक घर में अनुष्ठान या हवण आदि जरूर करवा लें.