बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को बीजेपी ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से सीट खाली होने के बाद बीजेपी ने सुशील मोदी को बिहार से उम्मीदवार बनाया है. संजय मयूख ने इस बात की जानकारी दी है.
आपको बता दें कि 14 दिसंबर को राज्यसभा सीट के लिए चुनाव होना है. 3 दिसंबर से राज्यसभा चुनाव के लिए प्रक्रिया शुरू होगी. सुशील मोदी बिहार की राजनीति में कई दशकों से सक्रिय हैं. पिछले 15 सालों से वो लगातार बिहार के उपमुख्यमंत्री थे और एमएलसी भी हैं. इस बार विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने उन्हें उपमुख्यमंत्री ना बनाकर ताराकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को बनाया है.
आपको बता दें कि 3 दिसंबर तक नामांकन होगा और 4 दिसंबर को स्क्रूटनी की जाएगी. प्रत्याशी सात दिसंबर तक अपनी दावेदारी वापस ले सकते हैं. जरूरत पड़ने पर 14 दिसंबर को मतदान होगा. इसके बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे. वहीं, सुशील मोदी का राज्यसभा में जाना तय माना जा रहा है.

गौरतलब है कि बिहार की राजनीति में सुशील मोदी कई दशकों से सक्रिय हैं. पिछले 15 सालों से वो लगातार बिहार के उपमुख्यमंत्री थे और एमएलसी भी हैं. वहीं, इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें उपमुख्यमंत्री नहीं बनाया.
सुशील मोदी 1990 में सक्रिय राजनीति में आए और पटना सेंट्रल विधानसभा सीट से चुने गए. 1995 और 2000 में भी वे विधानसभा पहुंचे. 1996 से 2004 के बीच वे बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे. पटना हाई कोर्ट में उन्होंने लालू प्रसाद के खिलाफ जनहित याचिका डाली जिसका खुलासा चर्चित चारा घोटाले के रूप में हुआ था. 2004 में सुशील मोदी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा और भागलपुर से विजयी रहे.
2005 में बिहार चुनावों में एनडीए को बहुमत मिला. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने तो सुशील मोदी को उपमुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली. साथ में वित्त मंत्रालय और कई अन्य विभागों की जिम्मेदारी संभाली थी. 2010 में एनडीए की फिर जीत हुई और नीतीश सरकार में सुशील मोदी फिर उपमुख्यमंत्री बने. वित्त मंत्री के रूप में जुलाई 2011 में सुशील मोदी को GST पर बनी राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति का चेयरमैन बनाया गया था. वहीं, 2020 के चुनाव में भी सुशील मोदी बीजेपी का सबसे बड़े चेहरा रहे. बीजेपी इस बार बड़े भाई की भूमिका है. जेडीयू इस बार 43 सीटों पर जीती है जबकि बीजेपी को 74 सीटें मिली हैं.