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झारखंड अनलॉक 5.0: दुर्गा पूजा होगी, मंदिर भी खुलेंगे, लेकिन रावण दहन नहीं होगा, सरकार ने जारी किये दिशा निर्देश

ज्य सरकार ने अनलॉक 5.0 में सभी धार्मिक स्थलों को 8 अक्टूबर से खोलने का निर्णय लिया है . वहीं दुर्गा पूजा के आयोजन से लेकर अन्य कार्यों के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिये गये हैं. 

राज्य सरकार ने 8 अक्टूबर से सभी मंदिरों-मस्जिद-चर्च और अन्य धार्मिक स्थलों को खोलने के आदेश दिये हैं. राज्य सरकार ने आज इसके आदेश जारी करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग व कोरोना के गाईडलाईन के अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिलाधिकारी को सख्त निर्देश दिये हैं. सरकार ने कहा है कि 31 अक्टूबर तक कंटेन्मेंट जोन में पूर्व की भांति ही सख्ती जारी रहेगी. कंटेन्मेंट जोन के बाहर सिर्फ धार्मिक गतिविधियों पर नये गाईडलाईन के साथ आयोजन को इजाजत दी गयी है. फिलहाल स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर, मल्टीप्लेक्स पूर्व की भांति ही बंद रहेंगे.

ऐसे होगा दुर्गा पूजा का आयोजन

झारखंड सरकार ने अनलॉक 5.0 के तहत दुर्गा पूजा के आयोजन को छूट दी है, लेकिन इस दौरान कई पाबंदियां भी होगी. पूजा पंडाल या आसपास के इलाके में लाइटिंग करने पर पाबंदी रहेगी किसी तरह का थीम पर कोई पंडाल या मंडप नहीं बनेगा. तोरण द्वार या स्वागत गेट आयोजन के दौरान नहीं बनाया जायेगा, सिर्फ पंडाल में जहां मूर्ति रहेगी, वहीं ढंका हुआ रहेगा नहीं तो सारा एरिया खुला हुआ रखने को कहा गया है.

मूर्ति की साइज 4 फीट तक निर्धारित की गई है. कोई पब्लिक एड्रेस सिस्टम, लाउडस्पीकर सिस्टम नहीं रहेगा. किसी तरह का मेला नहीं लगेगा और ना ही फूड स्टॉल लगेंगे. दुर्गा पूजा के पंडाल में एक समय में पुजारी और आयोजक को मिलाकर सिर्फ 7 लोग ही रह सकते हैं. विसर्जन जुलूस नहीं निकलेगा, सिर्फ प्रशासन जहां तय करेगा, वहां सादगी से जाकर विसर्जन कर दिया जाना है. किसी तरह का सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा और ना ही किसी तरह का कोई प्रसाद, भोग वितरण या भोज कराने की इजाजत होगी. पंडाल या मूर्ति का उदघाटन कार्यक्रम नहीं होगा.

गरबा या डांडिया का कार्यक्रम आयोजित नहीं होगा. रावण का पुतला दहन को लेकर किसी तरह का कोई बड़ा आयोजन करने पर रोक रहेगी. सारे आयोजन के दौरान जो आयोजक और पुजारी हैं, वे मास्क पहने होने चाहिए. 6 फीट का पब्लिक डिस्टेंस होना जरूरी है जो लोग पूजा पंडाल या मंडप में होंगे, वे लोग सफाई का ख्याल रखेंगे और कोविड-19 के सारे प्रोटोकॉल का पालन करेंगे पूजा के आयोजित स्थानीय प्रशासन के आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य होंगे जिले के डीसी और एसपी इन सारे नियमों का अनुपालन करायेंगे. विसर्जन के दौरान जुलुस नहीं निकाला जायेगा. प्रशासन के साथ ही सादगी के साथ ही विसर्जन किया जाना है.

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