सूखी खांसी, बहती नाक, बुखार और थकावट कोरोना वायरस के आम लक्षण हैं. इसके अलावा गंध और स्वाद की हानि भी कोरोना के लक्षणों में शामिल हो गए हैं. सवाल यह है कि वायरस से संक्रमित होने के बाद टेस्ट और स्मेल नहीं आने पर कैसा महसूस होता है. क्या इन लक्षणों के बाद मरीज किसी भी तरह की स्मेल और टेस्ट को मेहसू नहीं कर पाता है?
गंध की कमी संक्रमण की प्रारंभिक चेतावनी
इस पर कई शोधकर्ता मानते हैं कि कोरोना के साथ एनोस्मिया (गंध की कमी) संक्रमण का प्रारंभिक चेतावनी संकेत है. हालांकि नेशनल एग्री-फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट मोहाली और पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़ के शोधकर्ताओं ने अपने शोध में पाया गया है कि कोरोना के मरीज कुछ ही तरह की स्मेल और टेस्ट को महसूस नहीं कर पाते हैं.
ऐसे हुआ अध्ययन
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने स्मेल और टेस्ट को लेकर सभी भारतीय घरों में मौजूद पांच अलग-अलग प्रकार की चीजों से आने वाली सुगंध का उपयोग किया. इन पांच सुगंधों को एक ऑनलाइन सर्वेक्षण के आधार पर चुना गया था, जिसमें 100 व्यक्तियों को शामिल किया गया.
उन्हें उन लोगों को चुनने के लिए कहा गया था जिन्हें वे सबसे आसानी से पहचान सकते हैं. इनमें लहसुन, पुदीना, इलायची, नारियल तेल और सौंफ जैसी चीजें शामिल थी.
स्मेल की शक्ति पूरी तरह खत्म नहीं होती
शोधकर्ताओं ने पाया कि जबकि जो लोग कोरोना से संक्रमित होते हैं, उन्हें गंध का नुकसान होता है, हालांकि उनकी स्मेल की शक्ति पूरी तरह खत्म नहीं होती है.
अध्ययन के अनुसार, केवल 4.1 प्रतिशत प्रतिभागी गंध परीक्षण में मौजूद पांच सुगंधों में से किसी को पहचानने में असमर्थ थे. उनमें से 38.8 प्रतिशत सुगंध में से कम से कम एक को पहचानने में असमर्थ थे और 16 प्रतिशत लोग पहचान करने में सक्षम नहीं थे.
मरीजों को नहीं आती नारियल तेल और पुदीना की खुशबू
अध्ययन का संचालन करने के बाद, शोधकर्ताओं ने पाया कि कोरोना के मरीज दो सुगंधों का पता लगाने में असमर्थ थे. उसमें नारियल तेल और पेपरमिंट यानी पुदीना शामिल है.
टीम का मानना है कि जिस व्यक्ति को यह दो गंध नहीं आ रही है उसके आधार पर कोरोना के रोगियों की पहचान करने में मदद मिल सकती है. शोधकर्ताओं का मानना है कि इस पद्धति का उपयोग घर पर भी किया जा सकता है.
बता दे कि भारत में कोविड-19 के 86,821 नये मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या 63 लाख से अधिक हो गई, जबकि 52,73,201 लोग अब तक इस महामारी से स्वस्थ हो चुके हैं.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, मरीजों के ठीक होने की दर 83.53 फीसदी है. आंकड़ों के अनुसार, नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या 63,12,584 हो गई है. वहीं, पिछले 24 घंटों में संक्रमण से और 1,181 लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या 98,678 हो गई है.