मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिला अस्पताल में एक बड़ा हादसा हो गया है. अस्पताल के कोविड सेंटर के आईसीयू में बीते बुधवार की दोपहर आग लग गई. बताया जा रहा है कि आग वेंटिलेटर की हाई फ्लो ऑक्सीजन मशीन में तेज धमाके के बाद लगी. आग के बाद अस्पताल में अफरा तफरी मच गई. इसी दौरान ऑक्सीजन न मिलने के कारण एक मरीज की मौत भी हो गई. मशीन को ठीक करने के लिए अब इंजीनियर की टीम को बुलाया गया है. जिस मरीज की मौत हुई, उसकी उम्र 65 वर्ष बताई जा रही है.
बताया गया है कि गुना के रहने वाले 65 वर्षीय मोहम्मद इस्लाम यहां भर्ती थे, जिन्हें कोरोना संक्रमण के संदेह में अस्पताल में लाया गया था. इस्लाम की जांच रिपोर्ट कोरोना निगेटिव आई थी, लेकिन उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. इसे देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती किया हुआ था और उन्हें ऑक्सीजन दिया जा रहा था.
हालांकि, ऑक्सीजन मशीन में विस्फोट से इसकी सप्लाई रुक गई और इस्लाम को ऑक्सीजन नहीं मिलने से उनकी मौत हो गई. बताया गया है कि कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी डॉक्टरों ने उन्हें कोविड वार्ड में भर्ती किया हुआ था. कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं.
वेंटिलेटर में आग लगने के बाद अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. इस दौरान इस्लाम का बेटा ताहिर डॉक्टरों से गुहार लगाता रहा कि अब्बू की स्थिति बिगड़ रही है. कोई आकर उन्हें ऑक्सीजन लगा दे, लेकिन बेटे की किसी ने एक न सुनी. आखिरकार ऑक्सीजन की कमी के चलते मरीज इस्लाम ने वहीं दम तोड़ दिया.
मरीज को ऑक्सीजन की कमी के चलते झटके लेते देख उसके बेटे ने मदद की गुहार लगाई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. बताया गया है कि इस दौरान सिविल सर्जन, डॉक्टर और अस्पताल के अन्य स्टाफ भी मौजूद थे. अस्पताल का एक कर्मचारी ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर मरीज के पास पहुंचा, लेकिन चाबी नहीं होने के कारण उसे दूसरा सिलिंडर लेने के दौड़ना पड़ा. जब तक दूसरा सिलिंडर आया, तब तक देर हो चुकी थी. मरीज ने ऑक्सीजन की कमी के चलते दम तोड़ दिया.
वहीं शिवपुरी के सीएमएचओ डॉ. एएल शर्मा ने बताया कि घटना के समय हमारे रेजीडेंट, डॉक्टर और दो नर्स वहां मौजूद थीं. मृतक मोहम्मद असलम के अटेंडर खुद कई बार ऑक्सीजन का फ्लो ऊपर-नीचे करते थे. मौत भी शिफ्ट करने के दौरान नहीं हुई है. मरीज की मौत आइसोलेशन में शिफ्ट करने के 25 मिनट बाद हुई है.
वहीं, पिता की मौत के बाद बेटे ताहिर ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. घटना की सूचना मिलने के बाद कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह जिला अस्पताल पहुंचे और घटनास्थल का मुआयना किया. कलेक्टर ने मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.