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रिम्स के डॉक्टरों का अमानवीय चेहरा: गलती से चश्मा गिरने पर बेटे की मौत से गमजदा परिजनों को डॉक्टरों ने जमकर पिटा

रांची. झारखंड के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स, रांची (RIMS) के मेडिसीन विभाग में शुक्रवार देर रात लोगों ने डॉक्टरों की संवेदनहीन और अमानवीय रूप देखा. हजारीबाग से बीमार बेटे को लेकर आये एक परिवार पर डॉक्टरों और नर्सो का कहर टूटा. डॉक्टरों और नर्सो ने रोगी की मौत के बाद परिजनों की जमकर पिटाई कर दी.

हजारीबाग से बीमार बेटे को लेकर गुड्डू सिन्हा रिम्स आये थे. यहां 18 सितंबर की देर रात बेटे ऋतुराज की मौत हो गयी. बेटे की मौत के बाद शव से लिपटकर रोते परिजन से गलती से एक जूनियर डॉक्टर का चश्मा क्या गिर गया, मानो धरती के भगवान की संवेदना ही मर गयी. बस इतनी बात पर बड़ी संख्या में जूनियर डॉक्टर मौके पर एकत्रित हो गए और मृतक के परिजन की जमकर पिटाई कर दी.

इतना ही नहीं परिजनों की पिटाई के बाद डॉक्टरों ने पुलिस को बुलाकर मृतक के भाई को यह कहते हुए पुलिस के हवाले करवा दिया कि उसने डॉक्टर को थप्पड़ मार दिया. हालांकि इतना सब सहकर भी परिवार के लोग डॉक्टरों के पैर पकड़ मिन्नत करता रहा कि कोई गलती हो गयी हो तो माफ कर दें, पर डॉक्टरों को दया नहीं आयी.

पीड़ितों ने इस मामले में रिम्स की निदेशक डॉ मंजू गाड़ी से भी बात की, लेकिन वह मौन ही रहीं. जिसके बाद पीड़ित परिवार ने थाने के गेट पर डेरा डाल दिया. हालांकि बाद में थानाप्रभारी की मध्यस्थता पर 18 घंटे बाद परिजन बेटे का शव लेकर हजारीबाग लौटे.
पिता गुड्डू कुमार सिन्हा ने बताया कि डॉक्टरों ने पिटाई भी की और केस भी कर दिया. लेकिन बरियातू थाने की पहल पर डॉक्टरों ने झूठी शिकायत वापस ले ली. जिसके बाद पुलिस ने उनके दूसरे बेटे को छोड़ दिया.

मां पूनम देवी ने कहा कि वह डॉक्टर को भगवान समझते हुए रिम्स आयी थीं, पर यहां के कुछ डॉक्टरों के व्यवहार ने उनकी सोच बदल दी है. एक तो बेटे की मौत का गम, ऊपर से डॉक्टरों का ऐसा चेहरा शायद ही वह कभी इस रात को भूल पाएंगी.

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