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पंजाब: कृषि विधेयक पर बढ़ा बवाल, पूर्व CM प्रकाश सिंह बादल के घर के बाहर किसान ने खाया जहर

मोदी सरकार के कृषि बिल के खिलाफ किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है. हरियाणा और पंजाब के किसान सड़कों पर हैं और कृषि से जुड़े तीन बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. इस बीच पंजाब के मुक्तसर स्थित बादल गांव में प्रदर्शन कर रहे एक किसान ने जहर खा लिया. खास बात है कि यह पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का गांव है और उनके घर के बाहर ही किसान धरना दे रहा था.

बताया जा रहा है कि पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल के घर के बाहर धरने पर बैठे प्रीतम सिंह नामक किसान ने आज सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर जहर पी लिया. वह मानसा के अकाली गांव का रहने वाला है. प्रीतम सिंह को सबसे पहले बादल गांव के सरकारी अस्पताल में एडमिट कराया गया. इसके बाद उसे बठिंडा के मैक्स हॉस्पिटल में ले जाया गया है. उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार के कृषि विधेयक के विरोध में पंजाब के किसान धरने पर बैठे हैं. प्रदेश भर में जगह-जगह किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. अब उन्होंने रेल रोको आंदोलन की घोषणा भी कर दी है. किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव स्वर्ण सिंह पंधेर ने यह जानकारी दी है. कृषि विधेयकों का विरोध कर रहे पंजाब के अलग-अलग किसान संगठनों ने पहले ही 25 सितंबर को राज्य में बंद बुलाया है.

कृषि विधेयकों के विरोध में इस समय पंजाब की राजनीति भी गरमाई हुई है. इसको लेकर ही गुरुवार को हरसिमरत कौर बादल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. वहीं प्रदेश में फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस विधायक कुलजीत नागर ने भी इस्तीफा दे दिया है. हरसिमरत कौर बादल ने यह कहते हुए इस्तीफा दिया कि वह और उनकी पार्टी किसी भी किसान विरोधी फैसले में सहयोगी नहीं बन सकते.

क्यों हो रहा है विरोध
ये पूरा विवाद केंद्र के उन तीन कृषि विधेयकों को लेकर है. इसमें कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (संरक्षण एवं सशक्तिकरण बिल) और आवश्यक वस्तु संशोधन बिल शामिल है. इन अध्यादेशों को लेकर यह कहा जा रहा है कि किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य ही आमदनी का एकमात्र जरिया है, अध्यादेश इसे भी खत्म कर देगा. इसके अलावा कहा जा रहा है कि ये अध्यादेश साफ तौर पर मौजूदा मंडी व्यवस्था का खात्मा करने वाले हैं.

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