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पटना में आज से नगर निगम के 8000 सफाई कर्मी हड़ताल पर, सफाई व्यवस्था ठप

राजधानी पटना में नगर निगम  के अधिकारी और सफाई कर्मचारियों के बीच विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. नगर निगम के करीब आठ हजार सफाई कर्मी आज से हड़ताल चले गए हैं. हड़ताल में स्थाई और अस्थाई कर्मचारी भी शामिल हो रहे हैं.

दैनिक मजदूरों की सेवा पर रोक लगाने के सरकार के फैसले का विरोध करते हुए सफाई कर्मियों ने हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है. दरअसल, फरवरी 2020 में भी नगर निगम के कर्मी हड़ताल पर चले गए थे. उस समय निगम के आश्वासन के बाद कर्मचारियों ने अपना आंदोलन खत्म कर दिया था. निगम ने भरोसा दिया था कि जल्द ही कर्मचारियों की नियुक्ति स्थाई की जाएगी. लेकिन समझौते का कार्यान्वयन अब तक नहीं किए जा सका है.

नगर विकास विभाग की तरफ से राज्य भर के नगर निकायों में एक फरवरी से ग्रुप डी की सेवा दैनिक मजदूरों से लेने पर रोक लगा दी गई थी. जिसका निगम के सफाई कर्मी विरोध कर रहे हैं. इसकी वजह से साफ-सफाई को लेकर लोगों को एक बार फिर से परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.

सफाई कर्मी यूनियन के नेताओं का निगम प्रशासन पर आरोप है कि निगम के अधिकारी बार-बार सिर्फ आश्वासन ही दे रहे हैं. इसलिए अब आश्वासन से काम नहीं चलेगा. हमें लिखित चाहिए कि सरकार और निगम प्रशासन ने हमारी सभी शर्तों को मान लिया है.

इससे पहले, यूनियन के नेता नंदकिशोर दास ने बताया था कि पिछले दिनों 15 अगस्त को नगर आयुक्त के साथ बैठक हुई थी. जिसमें नगर आयुक्त ने हमें बताया था कि 15 दिनों के अन्दर कुछ मांग को छोड़कर सभी मांग को मान लिया जायेगा. लेकिन नगर आयुक्त ने अभी तक हम लोगों की कोई भी बात नहीं मानी है. सिर्फ वो टालमटोल कर रहे हैं. इसके लिए सफाई कर्मी अपने नेता के साथ मिलकर सभी 75 वार्डों में सदस्यता अभियान चला रहे हैं. ताकि हड़ताल को सफल बनाया जा सके. वहीं, निगम प्रशासन की तरफ से पहल की जा रही थी कि सफाई कर्मी हड़ताल पर ना जायें.

क्या है सफाई कर्मियों की मांग?

⦁ आउटसोर्सिंग निजीकरण को निगम से समाप्त कर कार्यरत मजदूरों को निगम मे सीधे बहाल करने.

⦁ 25 लाख रुपये दुर्घटना बीमा लागू करने की मांग.

⦁ इपीएफ कटौती की राशि इपीएफ कार्यालय में जमा करने.

⦁ प्रत्येक माह के 5 तारीख तक वेतन पेंशन का भुगतान सुनिश्चित करने.

सेवानिवृत्त और मृत कर्मचारियों को बकाए भविष्य उपादान सहित अन्य बकाये अंतर राशि का भुगतान अविलंब करने. इसके अलावे कुल 21 मांग है, जिसको लेकर निगम प्रशासन लगातार टालमटोल कर रहा है.

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