देश में कोरोना संक्रमण की रफ्तार हर रोज बढ़ती जा रही है. इस बीच, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कोरोना टेस्टिंग को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की हैं. नए दिशा-निर्देश के मुताबिक रैपिड एंटीजन टेस्ट (RAT) के टेस्टिंग प्रोटोकॉल में भी बदलाव किया गया है. अब रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए निम्न प्रोटोकॉल हैं- अगर इस टेस्ट में व्यक्ति पॉजिटिव आया तो उसको पॉजिटिव मान लिया जाएगा. अगर टेस्ट में नेगेटिव आने के बावजूद व्यक्ति में लक्षण दिखते हैं तो निश्चित तौर पर RT-PCR कराया जाए. यही पॉइंट ICMR ने इस बार जोड़ा है. अगर नेगेटिव आने के बाद व्यक्ति में कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं लेकिन बाद में जाकर व्यक्ति में लक्षण दिखने शुरू हो जाते हैं तो उस व्यक्ति का फिर से RAT या RT-पीसीआर टेस्ट कराए जाए.
ICMR की टेस्टिंग रणनीति के मुताबिक, इन जगहों के लिए ये प्रोटोकॉल हैं. नॉन कंटेन्मेंट जोन में सभी तरह के ऐसे लोग जिनमे लक्षण हैं (पहली प्राथमिकता- RT- PCR, दूसरी प्राथमिकता- रैपिड एंटीजन टेस्ट). बिना लक्षण वाले हाई रिस्क कांटैक्ट (जैसे- परिवार और कार्यस्थल के लोग, 65 वर्ष या उससे अधिक के लोग, पुरानी गंभीर बीमारी वाले लोग). ( पहली प्राथमिकता-रैपिड एंटीजन टेस्ट, दूसरी प्राथमिकता- RT-PCR). हॉस्पिटल में (पहली प्राथमिकता- RT-PCR, दूसरी प्राथमिकता- रैपिड एंटीजन टेस्ट).
सांस संबंधित गंभीर बीमारी वाले मरीज (SARI), सभी लक्षण वाले मरीज, बिना लक्षण वाले हाई रिस्क मरीज, जो हॉस्पिटल में एडमिट हैं या जिन को तुरंत हॉस्पिटल में एडमिट होने की जरूरत है, जैसे कमजोर प्रतिरोधक क्षमता वाले मरीज, ट्रांसप्लांट कराने वाली मरीज, पुरानी गंभीर बीमारी वाले मरीज या 65 वर्ष से अधिक वाले मरीज, गर्भवती महिलाएं, ऐसे लोग जो ऐसी सर्जरी करवा रहे हैं जिसमें कोई इमरजेंसी नहीं होती यानी टाइम लेकर करवाई जाती है, उनको सर्जरी से पहले 14 दिन होम क्वारंटाइन होना पड़ेगा, जिससे संक्रमण का खतरा कम किया जा सके.
नए दिशा-निर्देश के मुताबिक विदेश या देश के दूसरे राज्यों में यात्रा करने वालों के पास कोरोना टेस्ट का निगेटिव सर्टिफिकेट होना चाहिए.इसके साथ ही कहा गया है कि जिन भी लोगों ने बीते 14 दिनों में कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा की है, उनमें सिम्प्टमैटिक के अलावा भी सभी की जांच होगी.
ICMR ने देश में टेस्टिंग ऑन डिमांड की इजाजत दी. अब देश में कोई भी व्यक्ति अगर अपना टेस्ट करवाना चाहता है तो करवा सकता है. ICMR ने अपनी नई गाइडलाइंस के तहत यह इजाजत दी है. अभी तक आईसीआर की गाइडलाइन के मुताबिक, RT-PCR केवल वही लोग करवा सकते थे, जिनमें लक्षण दिखाई दे रहे हैं या वह किसी कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के संपर्क में आए हैं. ये टेस्ट सबसे ज्यादा विश्वसनीय माना जाता है लेकिन हर कोई इसको नहीं करवा सकता था.