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Human trafficking: अररिया से दिल्ली ले जा रहे 10 बच्चों को मानव तस्करों से पुलिस ने कराया रिहा, दो तस्कर गिरफ्तार

मुजफ्फरपुर. जिला प्रशासन की सक्रियता के कारण ह्यूमैन ट्रैफिकिंग के एक बड़े मामले का पर्दाफाश करते हुए 10 बच्चों को रिहा कराया गया है. बताया जा रहा है कि इन बच्चों को तस्कर बस से अररिया से दिल्ली ले जा रहे थे जहां से उन्हें लुधियाना, हैदराबाद और अन्य जगहों पर बाल मजदूरी के लिए भेजा जाना था. पुलिस ने दो बाल तस्करों को भी गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार रेस्क्यू कराए के बच्चे अररिया के हैं जिन्हें तस्कर बहला- फुसलाकर अपने साथ ले जा रहे थे. सभी बच्चे गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं.

दरअसल नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की संस्था ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ को सूचना मिली थी अररिया से बच्चे मुजफ्फरपुर के रास्ते तस्करी के लिए जा रहे हैं.  संस्था ने मुजफ्फरपुर डीएम को इसकी सूचना दी. डीएम के निर्देश पर बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक उदय कुमार झा के नेतृत्व में टीम गठित की गई. जिसमें गायघाट के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी वरुण कुमार चाइल्डलाइन संस्था के उदय शर्मा और कांटी थानेदार कुंदन कुमार की टीम बनाई गई.

टीम ने कांटी थाना के सदातपुर में खड़ी उस बस को रोकना चाहा तो वह नरीं रुकी. पुलिस ने खदेड़ कर बस को कांटी के छपरा धर्मपुर यदु गांव में घेर लिया. रोक कर जब तलाशी ली गई तो 10 बच्चे नाबालिग मिले. सहायक निदेशक उदय झा ने बताया कि इन बच्चों के अभिभावक उनके साथ नहीं थे और बच्चों को यह भी पता नहीं था उन्हें कहां और क्यों ले जाया जा रहा है.

उदय झा ने बताया कि यह एक गंभीर अपराध है. इसे देखते हुए अररिया के बाल तस्कर मोहम्मद मकसूद और मोहम्मद अंसिर को डिटेन कर लिया गया है. पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. इधर  सभी बच्चों को चाइल्ड लाइन के हवाले कर दिया गया है जहां उनकी काउंसलिंग हो रही है.
सहायक निदेशक ने बताया कि चाइल्ड वेलफेयर कमिटी में पेश कर कर बच्चों को उनके घर पहुंचाया जाएगा और उन्हें आवश्यक सरकारी सहायता पहुंचाई जाएगी. इधर तस्कर मकसूद से जब हमने बात की तो वह घबरा गया और घबराहट में तरह-तरह के बहाने बनाने लगा.

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