Patna: बिहार बोर्ड ने मैट्रिक और इंटर की वार्षिक परीक्षा में एक या दो विषय से फेल छात्रों को ग्रेस अंक देकर पास कर दिया है. शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने गुरुवार को बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटरमीडिएट एवं मैट्रिक वार्षिक परीक्षा, 2020 में सम्मिलित वैसे विद्यार्थी जो एक या दो विषयों में अनुत्तीर्ण होने के कारण कंपार्टमेंटल परीक्षा, 2020 में शामिल होने के लिए पात्र थे, उन्हें कोरोना महामारी के चलते उत्पन्न अत्यंत विषम परिस्थितियों के मद्देनजर एक बार के लिए लागू अपवाद के अंतर्गत कुछ अतिरिक्त अंकों का ग्रेस देकर उत्तीर्ण करने का प्रस्ताव भेजा गया था, जिस पर शिक्षा विभाग द्वारा सहमति प्रदान कर दी गई है.
बोर्ड ने कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न अत्यंत विषम एवं कठिन परिस्थितियों के बीच यदि अगले दो-तीन माह के बाद कंपार्टमेंटल परीक्षा का आयोजन किया भी जाता तो परीक्षाफल का प्रकाशन नवंबर या दिसंबर माह तक ही हो सकता था, जिससे संबंधित विद्यार्थियों को इस वर्ष की कंपार्टमेंटल परीक्षा में उत्तीर्ण होने का कोई लाभ नहीं होता, क्योंकि तब तक अधिकांश शिक्षण संस्थानों में नामांकन की प्रक्रिया पूरी हो जाती. ऐसी परिस्थिति में कोरोना महामारी के कारण कंपार्टमेंटल परीक्षा आयोजन नहीं कर पाने से कंपार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होने की पात्रता रखने वाले विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना थी.
इसलिए छात्रहित में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा इंटरमीडिएट एवं मैट्रिक वार्षिक परीक्षा, 2020 में एक या दो विषयों में अनुत्तीर्ण वैसे विद्यार्थियों जो इंटर एवं मैट्रिक की कंपार्टमेंटल परीक्षा, 2020 में शामिल हो सकते थे, को एक बार के लिए अपवाद स्वरूप कुछ अतिरिक्त ग्रेस अंक देकर पास कर दिया गया है.
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक 2020 की मैट्रिक परीक्षा में 1 लाख 8 हजार 459 छात्र एक विषय में फेल कर गये थे. वहीं, 99 हजार 688 छात्र दो विषय में फेल थे. ऐसे छात्रों को कम्पार्टमेंटल परीक्षा में बैठने की मंजूरी थी. यानि मैट्रिक परीक्षा में फेल हुए कुल 2 लाख 8 हजार 147 छात्रों को कम्पार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होने की अनुमति थी. वहीं इंटर परीक्षा 2020 में 46 हजार 5 छात्र एक विषय में तो 86 हजार 481 छात्र दो विषयों में फेल थे. यानि इंटर परीक्षा में फेल होने वाले कुल 1 लाख 32 हजार 486 छात्रों को कम्पार्टमेंटल परीक्षा में शामिल होने की अनुमति थी.
राज्य सरकार द्वारा दी गयी जानकारी के मुताबिक इंटर परीक्षा के कुल 72 हजार 610 छात्रों को ग्रेस अंक देकर पास कर दिया गया है. वहीं मैट्रिक परीक्षा के 1 लाख 41 हजार 677 छात्रों को ग्रेस अंक देकर पास कर दिया गया है. सरकार ने कहा है कि इस फैसले से लाखों छात्रों का एक साल बर्बाद होने से बच गया है और वे आगे की कक्षा में नामांकन ले सकेंगे.
गौरतलब है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने 24 मार्च को इंटर परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया था. वहीं मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट 26 मई को जारी किया गया था.