सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि प्रतिभाशाली अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सच्चाई सामने आनी ही चाहिए. इसी बीच, केंद्र सरकार ने न्यायालय को सूचित किया कि उसने इस मामले को सीबीआई को सौंपने की बिहार सरकार की सिफारिश स्वीकार कर ली है.
कोर्ट ने कहा कि बिहार पुलिस के अफसर को क्वारंटाइन करने से गलत संदेश गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को तीन दिनों के अंदर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है. एक हफ्ते बाद मामले में आगे सुनवाई होगी. कोर्ट ने इसके अलावा महाराष्ट्र पुलिस को मामले में अब तक की गई जांच पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया है.
सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि मामले में एफआइआर दर्ज करना या जांच करना बिहार पुलिस के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है और इसे एक राजनीतिक मामला बनाया गया है. सुशांत के पिता के वकील ने कहा कि महाराष्ट्र पुलिस मामले में सबूत नष्ट कर रही है.
बता दें कि रिया ने यह याचिका दायर करके पटना में दर्ज मामले की जांच मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की है. गत 14 जून को बांद्रा के एक फ्लैट में संदिग्ध हालत में सुशांत की मौत हो गई थी. इसे सुसाइड का मामला माना जा रहा है. इसके बाद से मुंबई पुलिस मामले की जांच कर रही है. मामले में बिहार और महाराष्ट्र की सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर किया है. इसके अलावा सुशांत के पिता कृष्ण किशोर सिंह ने भी कैविएट दायर की है, ताकि उनका पक्ष सुने बिना रिया द्वारा दायर याचिका पर कोई फैसला न सुनाया जाए.
बता दें कि 25 जुलाई को, सुशांत के पिता केके सिंह ने पटना में राजीव नगर पुलिस स्टेशन में रिया समेत छह अन्य लोगों के खिलाफ धन उगाही, ब्लैकमेल, सुसाइड के लिए उकसाने व प्रताड़ना आदि के कई गंभीर आरोप लगाते हुए एफआइआर दर्ज कराई थी. अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मने शिंदे ने कहा कि बिहार पुलिस के पास सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में कानूनी रूप से जांच करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है. इसलिए रिया ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और ट्रांसफर याचिका दायर की.