नेपाल संसद ने विवादित नक्शे को दी मंजूरी, भारत से सीमा विवाद पर वार्ता की गुंजाइश खत्म
नेपाल की संसद ने विवादित राजनीतिक नक्शे को लेकर पेश किए गए संविधान संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है.इसके साथ ही भारत से चल रहे सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच उसने बातचीत की उम्मीद को लगभग खत्म कर दिया है. इस दौरान विपक्षी नेपाली कांग्रेस और जनता समाजवादी पार्टी नेपाल ने संविधान की तीसरी अनुसूची में संशोधन से संबंधित सरकार के विधेयक का समर्थन दिया. यह संविधान संशोधन विधेयक अब राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी के पास अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा. संसद में पास किेए गए इस नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया गया है.
बता दें कि पिछले दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 8 मई को उत्तराखंड के धारचूला से लिपुलेख पास को जोड़ने वाली 80 किलोमीटर लंबी रणनीतिक सड़क का उद्घाटन करने के बाद भारत और नेपाल के बीच संबंध तनाव में आ गए. नेपाल इसके बाद पिछले महीने रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर दावा करते हुए देश का संशोधित राजनीतिक और प्रशासनिक नक्शा जारी किया. इसमें उसने लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा के कुल 395 वर्ग किलोमीटर के भारतीय इलाके को अपना बताया था. जिसके बाद अब नेपाल की संसद में इस विवादित नक्शे को मंजूरी दे दी गई है.
गौरतलब है कि नेपाल की संसद में विवादित नक्शे को लेकर हो रही चर्चा के बीच भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि सीमा विवाद पर हमने नेपाल से अपनी स्थिति पहले ही स्पष्ट कर दी है. भारत नेपाल के साथ अपने दोस्ताना रिश्तों की बहुत कद्र करता है. इसके साथ ही भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने उम्मीद जताई थी कि नेपाल दोनों देशों के सांस्कृतिक और मैत्रीपूर्ण संबंधों का खयाल रखेगा.