पीएम मोदी ने देशवासियों से किया अपील, कहा: कोरोना वायरस को लेकर देशवासियों को सजग रहने की जरूरत है
दुनिया में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के खतरे के मसले पर पीएम मोदी देश को संबोधित किया हैं. उन्होंने COVID-19 के चलते पैदा हुए हालात और इससे निपटने के उपायों पर चर्चा किया . उन्होंने कहा कि आज दुनिया महामारी की चपेट में है. मुझे देशवासियों से एक हफ्ते का वक्त चाहिए. हम कोरोना से बच गए, ये सोचना अभी ठीक नहीं है. हमें बचाव के लिए खुद संयम का संकल्प लेना होगा. मोदी ने अपील की है कि 22 मार्च को सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक देशभर में जनता कर्फ्यू लगाएं, लोगों को इसके बारे में जागरूक करें. इसके अलावा जरूरी न हो तो बाकी समय में भी घरों से न निकलें. 60-65 साल के बुजुर्ग भी कुछ हफ्ते आइसोलेट रहें.
पीएम मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि संकट के इस समय में मेरा देश के व्यापारी जगत, उच्च आय वर्ग से भी आग्रह है कि अगर संभव है तो आप जिन-जिन लोगों से सेवाएं लेते हैं, उनके आर्थिक हितों का ध्यान रखें. उनकी सैलरी नहीं काटें . उन्होंने कहा देशवासियों को इस बात के लिए भी आश्वस्त करता हूं कि देश में दूध, खाने-पीने का सामान, दवाइयां, जीवन के लिए ज़रूरी ऐसी आवश्यक चीज़ों की कमी ना हो इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं .
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध में भी इतने देश प्रभावित नहीं हुए थे, जितना की कोरोना वायरस से हुए हैं. पूरा विश्व संकट से गुजर रहा है और हमें सतर्क रहना चाहिए.उन्होंने कहा कि यह मानना गलत है कि भारत पर कोरोना वायरस का असर नहीं पड़ेगा, ऐसी महामारी में ‘हम स्वस्थ, जगत स्वस्थ मंत्र काम आ सकता है .
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमें ये संकल्प लेना होगा कि हम स्वयं संक्रमित होने से बचेंगे और दूसरों को भी संक्रमित होने से बचाएंगे. पीएम ने कहा कि इस तरह की वैश्विक महामारी में, एक ही मंत्र काम करता है- हम स्वस्थ तो जग स्वस्थ. ऐसी स्थिति में जब इस बीमारी की कोई दवा नहीं है तो हमारा खुद का स्वस्थ बने रहना सबसे बड़ी आवश्यकता है.
पीएम ने दूसरी बड़ी जरूरत संयम के बारे में कहा कि भीड़ से बचना संयम है. उन्होंने कहा कि कोरोना के खतरे से निपटने के लिए सोशल डिस्टेंशिंग बेहद जरूरी है और कारगर भी है. हमारा संकल्प और संयम इस बीमारी के प्रभाव को कम करने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकता है.
पीएम ने लोगों को आगाह किया कि वे बिना जरूरत बाजार में न आएं. ऐसा कर वे अपने परिवार के साथ अन्याय करेंगे. पीएम ने कहा कि उनका देशवासियों के साथ आग्रह है कि आने वाले कुछ सप्ताह में जब बेहद जरूरी है तो ही घर से बाहर निकलें. जितना संभव हो सके आप अपना काम घर से ही करें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संकट के इस समय में, आपको ये भी ध्यान रखना है कि हमारी आवश्यक सेवाओं पर, हमारे हॉस्पिटलों पर दबाव भी निरंतर बढ़ रहा है. इसलिए मेरा आपसे आग्रह ये भी है कि रूटीन चेक-अप के लिए अस्पताल जाने से जितना बच सकते हैं, उतना बचें. कोरोना महामारी से उत्पन्न हो रही आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री के नेतृत्व में सरकार ने एक कोविड-19-Economic Response Task Force के गठन का फैसला लिया है .
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा हूं. ये है जनता-कर्फ्यू. जनता कर्फ्यू यानि जनता के लिए, जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू. इस रविवार, यानि 22 मार्च को, सुबह 7 बजे से रात 9 बजे तक, सभी देशवासियों को, जनता-कर्फ्यू का पालन करना है . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आपके इन प्रयासों के बीच, जनता-कर्फ्यू के दिन, 22 मार्च को मैं आपसे एक और सहयोग चाहता हूं. मैं चाहता हूं कि 22 मार्च, रविवार के दिन हम ऐसे सभी लोगों को धन्यवाद अर्पित करें. रविवार को ठीक 5 बजे, हम अपने घर के दरवाजे पर खड़े होकर, बाल्कनी में, खिड़कियों के सामने खड़े होकर 5 मिनट तक ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करें .
उन्होंने कहा साथियों, 22 मार्च को हमारा ये प्रयास, हमारे आत्म-संयम, देशहित में कर्तव्य पालन के संकल्प का एक प्रतीक होगा. 22 मार्च को जनता-कर्फ्यू की सफलता, इसके अनुभव, हमें आने वाली चुनौतियों के लिए भी तैयार करेंगे. संभव हो तो हर व्यक्ति प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को फोन करके कोरोना वायरस से बचाव के उपायों के साथ ही जनता-कर्फ्यू के बारे में भी बताए .