पटना : कोरोना वायरस की दहशत के बीच एक दूसरा संक्रामक रोग स्वाइन फ्लू लगातार राजधानी में पांव पसारता जा रहा है. महज आठ दिन में इसके रोगियों की संख्या छह हो चुकी है. इसमें से एक निजी नर्सिंग में भर्ती पटना सिटी के युवक की हालत गंभीर है. उसे चिकित्सकों ने वेंटीलेटर पर रखा है.
पटना में छह मार्च को पहले मरीज की हुई थी पहचान
सिविल सर्जन डॉ. राजकिशोर ने बताया कि स्वाइन फ्लू के पहले रोगी की पहचान छह मार्च को गायघाट निवासी के रूप में की गई थी. इसके बाद शास्त्रीनगर की एक छात्रा, तीसरा केस रामकृष्ण नगर के एक युवक, चौथा मामला गायघाट स्थित प्रणामी मंदिर के पास, पांचवा मच्छरहट्टा और छठा भी पटना सिटी का निवासी है. सिविल सर्जन ने बताया कि सभी संक्रमितों के स्वजनों को भी एहतियातन दवाएं दी गई हैं.
कोरोना के शक में जांच कराई तो निकला स्वाइन फ्लू
पटना सिटी के गायघाट मोहल्ले की जिस युवती में गत छह मार्च को स्वाइन फ्लू (एच-1 एन-1 वायरस) की पुष्टि हुई थी, वह युवती बुखार का इलाज कराने आरएमआरआइ (राजेंद्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान) गई थी. चिकित्सकों ने कोरोना के शक में उसकी जांच कराई तो स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई. संक्रमितों व उनके स्वजनों को स्वाइन फ्लू की जानकारी देते हुए चिकित्सकों ने बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं आदि से दूर रहने की सलाह दी है.
खांसने-छींकने से निकली बूंदों संक्रमण
इसका भी संक्रमण रोगी के खांसने-छींकने के दौरान निकली बूंदों से ही होता है. रोगी मुंह या नाक पर हाथ रखने के बाद जिस भी वस्तु को छूता है, उसे यदि कोई स्वस्थ व्यक्ति छू ले तो वह भी इसकी चपेट में आ सकता है. सामान्यत: संक्रमण के एक से सात दिन के बाद इसके लक्षण उत्पन्न होते हैं.