EPFO ने करोड़ों कर्मचारियों को दिया झटका , PF की दरें 0.15 फीसदी घटाईं
होले से पहले ईपीएफओ ने करोड़ों कर्मचारियों को झटका दिया है. दरअसल, वित्त वर्ष 2019-20 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर कम कर दी है. अब नई ब्याज दर 8.50 फीसद है, जबकि पिछले साल 2018-19 में यह दर 8.65 फीसद थी. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन निवेश पर कम रिटर्न मिलने की वजह से पीएफ जमा पर ब्याज दर घटाया गया है. इसका असर ये होगा की अब वेतनभोगियों के पीएफ पर कम ब्याज मिलेगा .
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के शीर्ष निकाय केंद्रीय न्यासी बोर्ड (सीबीटी) की बैठक में ये फैसला हुआ है. आपको बता दें कि केंद्रीय न्यासी बोर्ड ही पीएफ पर ब्याज दर को लेकर फैसला लेता है और इस फैसले को वित्त मंत्रालय की सहमति की जरूरत होती है. कर्मचारी भविष्य निधि के दायरे में आने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन (मूल वेतन+महंगाई भत्ता) का 12 प्रतिशत PF में जाता है. इतना योगदान कंपनी भी करती है. लेकिन कंपनी के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी EPS में जाता है. इसके अलावा केंद्र सरकार भी इसमें मूल वेतन का 1.16 प्रतिशत का योगदान देती है.
देश में ईपीएफओ की पीएफ योजनाओं में करीब 6 करोड़ कर्मचारी जुड़े हैं. गौरतलब है कि सरकार इस साल राजस्व की तंगी से जूझ रही है. सूत्रों ने आगे बताया कि ईपीएफओ के लिए इस साल ब्याज दरें बनाए रखना मुश्किल है, क्योंकि बॉन्ड, लॉन्ग टर्म एफडी से ईपीएफओ को जो रिटर्न मिलता है उसमें सालभर में 50-80 आधार अंकों की कमी आई है. ये फैसले ईपीएफओ को हुए मुनाफे के आधार पर लिया गया है.
केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि पिछली बार जो हमने रेट दिया था वो लोगों की अपेक्षाओं से बढ़कर दिया था. पर सारी व्यवस्थाओं को ध्यान में रखकर हमने इस बार 8.5 प्रतिशत रेट तय किया है. जिससे कि भविष्य में कोई समस्या हमारे सामने न आए. केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 2019-2020 के लिए कर्मचारियों की भविष्य निधि दर को कम करके 8.5 प्रतिशत करने का फैसला किया है. पहले यह दर 8.65 प्रतिशत थी. . नौकरीपेशा लोगों के लिए पीएफ का ब्याज दर काफी मायने रखती है.