बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं और इसे लेकर तमाम राजनीतिक दल अपने संगठन को मजबूत करने में लगे हुए हैं. दोनों गठबंधन की बात करें तो एनडीए ने पहले से ही अपना भरोसा नीतीश कुमार पर पूरी तरह से जता दिया है और उन्हें ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया है. वहीं महागठबंधन में अब भी इस पर सहमति नहीं बन पाई है. खास तौर पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा, मुकेश सहनी के बाद कांग्रेस के बयान ने इसमें पेंच फंसा दिया है. दरअसल कांग्रेस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि महागठबंधन के चेहरा का फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी.
कांग्रेस के इस बयान के बाद आरजेडी ने जबाबी हमला करते हुए तेजस्वी को घोषित नेता बताया है. आरजेडी नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि तेजस्वी को नेता के रूप में एलान पहले ही हो चुका है. राहुल गांधी ने भी गांधी मैदान में तेजस्वी के नाम की घोषणा की थी. ऐसे में कांग्रेस के किसी और नेता के कहने का कोई मतलब नहीं. वहीं, तेजस्वी यादव ने खुद को नेता के चेहरे के सवाल से किनारा करते हुए कहा कि हम चेहरे की चिंता नही करते हैम काम की चिंता करते हैं.
बता दें कि महागठबंधन में चेहरे को लेकर ऊहापोह की स्थिति है. महागठबंधन के दूसरे दलों ने अब तक तेजस्वी को मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने पर सहमति नहीं जताई है. कांग्रेस इस मामले पर कुछ भी खुल कर नहीं बोल रही है. उपेंद्र कुशवाहा ने भी चुप्पी साध रखी है. कुशवाहा और मांझी को सीएम कैंडिडेट के तौर पर तेजस्वी पसंद नहीं हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान जीतनराम मांझी यह कहते थे कि महागठबंधन में एक ही चेहरा हैं और वह हैं तेजस्वी यादव लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार के बाद मांझी के बोल बदल गए .
बहरहाल अब कांग्रेस ने भी सोनिया गांधी द्वारा सीएम के चेहरे के ऐलान की बात कहकर मांझी, कुशवाहा और सहनी के सुर में सुर मिला दिया है. जाहिर है ये महागठबंधन की सियासत के लिए बेहद अहम होने जा रहा है क्योंकि आरजेडी भी बगैर कांग्रेस के चुनावी मैदान में जाने को तैयार नहीं दिखती है. ऐसे में अब सबकी निगाहें सोनिया गांधी के ऐलान पर टिकी हैं.