पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्य दर्जा का मुद्दा फिर से उठाया है. शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में भुवनेश्वर में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की बैठक हुई. इसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास के मामले में बिहार लगातार आगे बढ़ रहा है. अगर विशेष राज्य का वाजिब हक मिले तो देश की प्रगति में बिहार अपना बड़ा योगदान दे सकेगा. बिहार की तरह कई अन्य राज्य भी पिछड़े हैं. ऐसे राज्यों को पिछड़ेपन से उबारने और राष्ट्रीय औसत के समकक्ष लाने के लिए सकारात्मक नीतिगत पहल की जरूरत है.
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना आवश्यक
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन राज्यों को विशेष श्रेणी के राज्य का दर्जा मिला है, उन्होंने विकास के मामले में प्रगति की है. इसलिए विकास के राष्ट्रीय औसत स्तर को प्राप्त करने के लिए बिहार और उस जैसे अन्य पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिलना आवश्यक है. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए ताकि हमें हमारा वाजिब हक मिल सके. पिछले कुछ वर्षों में दोहरे अंक का विकास दर हासिल करने के बावजूद भी गरीबी रेखा, प्रति व्यक्ति आय, उद्योगीकरण और सामाजिक व भौतिक आधारभूत संरचना जैसे विकास के प्रमुख मापदंडों पर बिहार राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं.
अंतरराज्यीय मसलों के हल के लिए बने अलग प्रणाली
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी क्षेत्रीय परिषद की पिछली बैठक के डेढ़ साल बाद भी कई मुद्दों पर अभी भी कार्रवाई लंबित है. परिषद में अंतरराज्यीय मुद्दों के समाधान के लिए एक प्रणाली विकसित होनी चाहिए ताकि द्विपक्षीय मुद्दों का हल निकाला जा सके.
शराब तस्करों पर कार्रवाई करें झारखंड व प. बंगाल
सीएम ने कहा कि झारखंड- प. बंगाल को बिहार की सीमा में अपने राज्य से आने वाले अवैध शराब के तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. शराबबंदी की सफलता में सीमावर्ती राज्यों की भूमिका अहम है. झारखंड व बंगाल से सटे चेकपोस्ट पर बड़ी संख्या में अवैध शराब ले जाते हुए वाहनों को जब्त किया गया है.