उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सीएए विरोधी हिंसा में मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है . गुरुवार सुबह तक 34 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. दिल्ली में हुई हिंसा के दौरान तकरीबन 200 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं जिनमें 50 से ज्यादा पुलिसकर्मी भी शामिल है.
हिंसा के मामले में पुलिस ने अब तक डेढ़ दर्जन एफआईआर अलग-अलग थानों में दर्ज की है. हिंसा फैलाने के आरोप में अब तक 100 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है. अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.
हालांकि दिल्ली में हालात पहले से नियंत्रण में है लेकिन नॉर्थ दिल्ली के भजनपुरा, गोकुलपुरी, मौजपुर, जाफराबाद और चांदबाग में 3 दिनों तक हुई हिंसा के दौरान कई परिवारों ने अपनों को खो दिया है . दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में भड़की सीएए विरोधी हिंसा में चार दिनों काफी नुकसान हुआ है. दर्जनों गाड़ियों और कई घरों को आग के हवाले करने का दर्दनाक मंजर सामने आया. तस्वीरें ऐसी हैं कि देख कर रूह कांप जाए .
वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोगों से शांति और भाईचारा बनाए रखने की अपील की. वहीं, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेकर लोगों से शांति की अपील की. इसके अलावा उन्होंने सेना तैनात करने की बात की .
एक्शन में डोभाल
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने बुधवार को सीलमपुर इलाके में डीसीपी ऑफिस जाने के बाद हिंसा प्रभालित इलाकों का दौरा किया. इस दौरान डोभाल ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के स्थानीय निवासियों के साथ बातचीत की. उन्होंने लोगों से कहा कि प्रेम की भावना बनाकर रखिए. हमारा एक देश है. हम सबको मिलकर रहना है. देश को मिलकर आगे बढ़ाना है.
दिल्ली हिंसा पर हाईकोर्ट सख्त
वहीं, दिल्ली हिंसा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दिल्ली में दूसरा 1984 दंगा नहीं होने देंगे. दिल्ली हाईकोर्ट ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर बेहत सख्त टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि बीजेपी नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के लिए एफआईआर दर्ज करना चाहिए. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पुलिस अधिकारियों से भी पूछा कि उन्होंने क्यों नहीं एफआईआर दर्ज किया. कोर्ट ने कहा दिल्ली में एक और 1984 नहीं होना चाहिए. बता दें कि दिल्ली में 1984 को एक सिख दंगा हुआ था जिसका नजारा भी काफी भयावह था.