कोरोना वायरस का कहर दुनियाभर में देखने को मिल रहा है. वहीं इस वायरस को लेकर तरह-तरह के अफवाह भी उड़ाए जा रहे हैं. इसी तरह का एक अफवाह पोल्ट्री चिकन को लेकर उड़ाया जा रहा था. दावा किया जा रहा था कि कोरोना वायरस की वजह से पोल्ट्री चिकन खाना खतरनाक है. इन अफवाहों पर अब सरकार की ओर से बयान आया है.
भारत सरकार के पशुपालन मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि चिकन खाना सुरक्षित है क्योंकि कोरोना वायरस के प्रसार में अभी तक उसकी संलिप्तता की पुष्टि नहीं हुई है. पशुपालन मंत्रालय ने इस बात की भी पुष्टि कि है कि दुनिया भर में कोरोना वायरस का पोल्ट्री उत्पादों से कोई कनेक्शन नहीं पाया गया है और ना ही पोल्ट्री बर्ड या पोल्ट्री उत्पाद से किसी भी व्यक्ति में ये वायरस फैला है.
पशुपालन आयुक्त प्रवीण मलिक ने पोल्ट्री फेडरेशन ऑफ इंडिया के सलाहकार विजय सरदाना को पत्र लिखकर कहा है कि वैश्विक स्तर पर किसी भी रिपोर्ट में ‘2019 नोवेल कोरोना वायरस’ के प्रसार में मुर्गियों की संलिप्तता नहीं पाई गई है .
दरअसल, सरदाना ने एक ईमेल भेजकर ‘2019 नोवेल कोरोना वायरस’ के संदर्भ में मवेशी उत्पादों के उपभोग लेकर स्पष्टीकरण की मांग की थी. मलिक ने जवाब में यह भी कहा, ‘इस संदर्भ में यह स्पष्ट किया जाता है कि 2019 नोवेल कोरोना वायरस के प्रसार का प्रमुख जरिया मनुष्य से मनुष्य हैं . वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन फॉर एनिमल हेल्थ (OIE) के मुताबिक इसका स्त्रोत संभवत: पशु नहीं थे और इसमें और जांच की जरूरत है .
पत्र में इस बात का भी जिक्र है कि पूर्व में भी इसी तरह के कोरोना वायरस (सार्स 2002-03, मर्स 2012-13) या कोरोना से जुड़े सामान्य जुकाम के प्रसार में दुनियाभर में मुर्गियों और मुर्गियों के उत्पादों का कोई योगदान नहीं था. लिहाजा, 2019 नोवेल कोरोना वायरस के वर्तमान मामलों की जानकारी के मुताबिक मुर्गियों और मुर्गी उत्पादों के उपभोग को सुरक्षित माना जा सकता है.