झारखंड के गढ़वा जिले के भंडरिया थाना क्षेत्र के एक गांव में पांचवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा द्वारा माता-पिता द्वारा तय किये गए शादी का विरोध करने का मामला प्रकाश में आया है. इस छात्रा का कहना है कि वह पढ़ाई कर कुछ बनना चाहती है. जबकि इसके माता-पिता हैं कि इसकी शादी अभी ही करने पर उतारू हैं. छात्रा ने कहा कि इसका मैं विरोध कर रही हूं. मगर माता-पिता है कि मेरी बातों को सुनने को तैयार नहीं हैं. शादी करने के माता-पिता की जिद को देख छात्रा ने इसकी जानकारी अपने विद्यालय के एक शिक्षक को दी.
शिक्षक ने इसे गंभीरता से लेते हुए तथा तत्परता बरतते हुए इसकी सूचना भंडरिया के प्रशासनिक पदाधिकारियों को दी. जानकारी मिलते ही प्रखंड विकास पदाधिकारी सुलेमान मुंडरी ने इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी भंडरिया कृष्णा कुमार को इस मामले को देखते हुए बच्ची की शादी रुकवाने की दिशा में पहल करने को कहा. थाना प्रभारी ने नाबालिग बच्ची के पिता बिरजू मांझी को समझाया और लड़की के बालिग होने के बाद ही शादी करने को कहा.
कृष्णा कुमार के समझाने का असर बिरजू मांझी पर पड़ा और उसने बच्ची की शादी करने के अपने निर्णय को बदलने की बात कहते हुए उसके बालिग होने पर ही शादी करने का आश्वासन थाना प्रभारी को दिया. थाना प्रभारी ने बच्ची के हिम्मत तथा उसकी पढ़ाई के प्रति रुचि को देख उसकी जमकर तारीफ की. साथ ही उसे पढ़ाई करने में अपने स्तर से भी सहयोग करने का आश्वासन दिया.