मोहाली में वीरवार कोघर के बाथरूम में खूद को गोली से उड़ाने वाले 18 साल के स्टूडेंटस हरदत्त सिंह अपनी मां की मौत से डिप्रेशन में था. पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि डिप्रेशन का कारण यह था कि हरदत्त के हाथों चली गोली से 2005 में उसकी मां की मौत हो गई थी. उस समय हरदत्त साढ़े तीन साल का था.
बताया जा रहा है कि जब हरदत्त का परिवार एक शादी से वापस आ रहा था तो गाड़ी में पड़ी रिवॉल्वर को उसने खिलौना समझ उठाया था और एकाएक गोली चल गई थी जो सीधे उसकी मां को लग गई थी. जिससे उसकी मौत हो गई थी. जिस समय यह घटना हुई उस समय हरदत्त की उम्र महज साढ़े तीन साथ थी.
गोली माथे में मारी थी
शुक्रवार सुबह हरदत्त का पोस्टमार्टम किया गया. जिसमें यह पता चला कि हरदत्त ने अपने माथे के बीचोंबीच पिस्टल रखकर गोली चलाई थी. जिससे माथे में गोली का निशान बना हुआ था. पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौंप दिया गया है. शनिवार को नंदगढ़ में अंतिम संस्कार किया जाएगा.
सिर के अंदर ही फंसी हुई थी गोली
हरदत्त ने अपने माथे के बीच रिवॉल्वर रख कर अपने सिर में गोली मारी लेकिन यह गोली सिर के आरपार नहीं हुई. माथे पर तो गोली का निशान है लेकिन सिर के पीछे गोली निकलने का निशान नहीं है. पोस्टमार्टम के दौरान उसके सिर के पिछले हिस्से में फंसा गोली का सिक्का निकाला गया है. उसे जांच के लिए फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है.
गांव से बच्चों की बढ़िया पढ़ाई के लिए आए थे मोहाली
हरदत्त के पिता हरजिंदर सिंह बठिंडा के गांव नंदगढ़ के रहने वाले थे. लेकिन वे वहां से अपने परिवार सहित मोहाली में आकर रहने लगे थे. वे अपने बच्चों की बढ़िया पढ़ाई के लिए यहां रह रहे थे.
क्या था मामला
वीरवार को हरदत्त ने अपने घर में गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी. वह चंडीगढ़ सेक्टर-26 के सेंट जॉन्स स्कूल में 12वीं क्लास का आर्ट्स का स्टूडेंट था. गुरुवार को दोपहर वह स्कूल से घर गया. कमरे से उसने अटैची उठाई, जिसमें पिता हरजिंदर सिंह ने लाइसेंसी रिवॉल्वर रखी थी. अटैची को उठाकर बाथरूम में ले गया. अंदर से कुंडी लगाकर खुद को सिर में गोली मार ली थी.