झारखंड देश का पहला ऐसा राज्य बनने जा रहा है, जहां एक राजधानी और चार उप राजधानी हाेंगी. रांची पहले ही राज्य की राजधानी है, वहीं दुमका उप राजधानी. अब तीन और जिलों को उप राजधानी बनाए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. मेदिनीनगर, चाईबासा और गिरिडीह को उप राजधानी बनाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. इसे स्वीकृति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री के पास भेजा गया है. वहां से मंजूरी मिलते ही कैबिनेट की स्वीकृति के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा.
विकास के पायदान पर समान भागेदारी को पांचों प्रमंडलों में 1 राजधानी
इस निर्णय के पीछे मकसद है कि राज्य में सभी प्रमंडलों का समान रूप से विकास हो सके. रांची को झारखंड बनते ही राजधानी बनाया गया, ताकि समूचे दक्षिण छोटानागपुर के विकास में तेजी लाई जा सके. संथाल परगना के ज्यादातर क्षेत्र पिछड़े हैं, इसे ध्यान में रखते हुए दुमका को उप राजधानी का दर्जा दिया गया. इसकेे बाद भी पलामू, कोल्हान व उत्तरी छोटानागपुर इससे अछूते थे. झामुमो ने इन तीनों प्रमंडलों में भी सुविधाएं बढ़ाने व विधायी, न्यायिक आदि कार्यों में सहूलियत के लिए एक-एक जिले को उप राजधानी बनाने की घोषणा की थी.
फायदे : सुविधाएं बढ़ेंगी, संवैधानिक संस्थाओं से काम आसान होंगे
हर प्रमंडल में एक उप राजधानी होने से शहरी और ग्रामीण सुविधाओं में वृद्धि होगी. राजभवन, मुख्यमंत्री आवास, हाईकोर्ट की बेंच और शाखा सचिवालय खुलने से आम लोगों को कई प्रकार की सहूलियतें मिलने लगेंगी. उन्हें रांची आने-जाने की परेशानी से निजात मिलेगी. उप राजधानी बन जाने से संवैधानिक संस्थाओं के कार्यालय और मुख्यालय भी बनेंगे.
लेकिन इन चुनौतियों से निपटना होगा सरकार को
सरकार तीन और उप राजधानी बनाने जा रही है, पर कई चुनौतियों से निपटना भी होगा. राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल में दुमका को उप राजधानी बनाया गया था. 18 साल बाद भी वहां स्थिति यह है कि अब तक सीएम आवास नहीं बन सका है. झारखंड हाईकोर्ट की बेंच भी नहीं खुल सकी है. शाखा सचिवालय भी नहीं खुल सकी है.
प्रस्ताव झामुमो के एजेंडे की कड़ी
मुख्यमंत्री सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि यह प्रस्ताव झामुमो के एजेंडे की कड़ी है। झामुमाे ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने पार्टी घोषणापत्र में ऐलान किया था कि राज्य में यदि झामुमो के नेतृत्व वाली गठबंधन की सरकार बनती है तो तीन और जिलों को उप राजधानी बनाया जाएगा।
राजनीतिक दृष्टि से गिरिडीह सरकार की विशेष पसंद
उत्तरी छोटानागपुर में उप राजधानी के लिए तीन शहर दावेदार हैं- हजारीबाग, धनबाद और गिरिडीह. गिरिडीह इन तीनों में सबसे अधिक पिछड़ा है. मध्य में भी स्थित है. इस लिहाज से सरकार गिरिडीह को उप राजधानी बनाकर उस क्षेत्र में विकास की गति बढ़ाना चाहती है. राजनीतिक दृष्टि से भी गिरिडीह वर्तमान सरकार के लिए ज्यादा उपयुक्त है.