दवा दुकानदारों की तीन दिवसीय हड़ताल बुधवार की देर शाम खत्म हो गई. सरकार से वार्ता के बाद बिहार केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट संघ ने हड़ताल वापस लेने का ऐलान किया. इससे पहले दिनभर कुल 54 हजार में से करीब 52 हजार थोक व खुदरा दुकानें बंद रहीं. जिसकी वजह से 30 करोड़ रुपए का कारोबार प्रभावित हुआ.
दवा दुकानों की हड़ताल से मरीज परेशान रहे. इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने संघ के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की. स्वास्थ्य सचिव ने फार्मासिस्ट की समस्या पर विचार करने का आश्वासन दिया. निरिक्षण के लिए जारी ज्ञापांक को एक हफ्ते के अंदर सरल करने और इसमें बीसीडीए को शामिल करने का निर्णय भी लिया गया. प्रयोगशाला से जांच कर प्रमाण पत्र दिए जाने तक दवा को नकली या सब स्टैंडर्ड घोषित नहीं किए जाने का आश्वासन भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया गया.