पटना हाईकोर्ट ने डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन का 18 महीने का कोर्स करने वाले शिक्षकों को बड़ी राहत दी है. इन शिक्षकों को पंचायत शिक्षकों की नियुक्ति में शामिल होने का कोर्ट ने 30 दिन का वक्त दिया है. इन शिक्षकों की संख्या करीब 2.50 लाख है. मामले की सुनवाई करते हुए न्यायधीश प्रभात झा ने इस मामले की सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था जिसे मंगलवार को सुनाया.
इन डिप्लोमाधारियों को राज्य सरकार ने पंचायत शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया में शामिल होने से रोक दिया था. दरअलस बिहार सरकार ने माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की रिक्त स्थानों को भरने के लिए आवेदन निकाला. लेकिन NIOS से D.EL.ED करने वाले शिक्षकों जिन्होंने 24 महीने को कोर्ष को 18 महीने में ही पूरा किया था उसकी मान्यता को बिहार सरकार ने मानने से इंकार कर दिया था. संजय कुमार यादव एवं अन्य की ओर से दायर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए अदालत ने साफ कहा कि 18 महीने का कोर्स करने वाले भी इसके समतुल्य होंगे.
जुलाई 2019 में प्राथमिक शिक्षक नियोजन हेतु 18 महीने के डीएलएड कोर्स को मान्यता देने हेतु एनसीटीई से सफाई मांगी गई थी. एनसीटीई ने 18 महीने के डीएलएड कोर्स को आंशिक मान्यता दी थी. परिणामस्वरूप शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने एक आदेश जारी करते हुए 18 महीने का डीएलएड डिप्लोमा धारी अभ्यर्थियों को शिक्षक नियोजन में आवेदन देने पर रोक लगाने का निर्देश दिया था . ऐसे आदेश को हाईकोर्ट ने मंगलवार को इसी मामले में निरस्त कर दिया है.