LUCKNOW: केंद्रीयगृहमंत्री अमित शाह मंगलवार को उत्तर प्रदेश के दौरे पर हैं. CAA के समर्थन में आज मंगलवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखऊ में एक जनसभा की . उन्होंने कहा- मैं देश को बताना चाहता हूं कि सीएए के खिलाफ दुष्प्रचार किया जा रहा है. मैं लखनऊ की भूमि से डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसे विरोध करना हो करे, सीएए वापस नहीं होगा. शाह ने सीएए के समर्थन में यहां आयोजित जागरूकता रैली में कहा कि सीएए नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि देने का कानून है, मगर कांग्रेस और सपा समेत विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उनकी आंखों पर वोट बैंक की पट्टी बंधी है.
गृहमंत्री ने कहा, ‘जिसको विरोध करना हो करे, मगर सीएए वापस नहीं होने वाला है.’ शाह ने विपक्षी दलों को सीएए पर बहस की चुनौती भी दी. उन्होंने कहा ‘सीएए के खिलाफ प्रचार किया जा रहा है कि इससे देश के मुसलमानों की नागरिकता चली जाएगी. मैं कहने आया हूं कि जिसमें भी हिम्मत है वह इस पर चर्चा करने के लिये सार्वजनिक मंच ढूंढ ले. हम चर्चा करने के लिये तैयार हैं.’ उन्होंने कहा कि सीएए की कोई भी धारा किसी भी नागरिक की नागरिकता लेती हो तो बता दें. उन्होंने कहा कि आज देश में इसके खिलाफ दंगा और धरना-प्रदर्शन कराया जा रहा है जो गलत है.
अमित शाह ने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान…जहां भारत के विभाजन के बाद करोड़ों हिंदू वहां रह गए, सिख वहां रह गए, ईसाई, जैन, बौध, पारसी वहां रह गए. मैंने उनके दर्द को सुना है. महात्मा गांधी की जयंती के दिन एक हजार माताओं-बहनों से बलात्कार किया जाता है, उनसे जबरन निकाह पढ़ाया जाता है. हजारों की संख्या में मंदिर-गुरुद्वारे तोड़े जाते हैं. अफगानिस्तान के अंदर आसमान को छूने वाली मूर्ति को तोप के गोले से जीर्णशीर्ण कर दिया गया. इनसभी बातों पर कोई बोलने वाला नहीं है . आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्षों से प्रताड़ित लोगों को अपने जीवन का नया अध्याय शुरू करने का मौका दिया है.’’ शाह ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपनी सरकार की उपलब्धि बताते हुए दावा किया कि अयोध्या में तीन महीने के अंदर आसमान छूता हुआ मंदिर बनेगा.