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मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड : साकेत कोर्ट ने शेल्टर होम के संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 19 को यौनशोषण और उत्पीड़न का दोषी करार दिया

बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने शेल्टर होम के संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत 19 को यौनशोषण और उत्पीड़न का दोषी करार दिया है. दोषियों के सजा का ऐलान अब तक नहीं हुआ है . दोषियों की सजा पर 28 जनवरी को बहस की जाएगी. यह मामला 7 फरवरी 2019 को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मुजफ्फरपुर की स्थानीय अदालत से साकेत पॉक्सो कोर्ट में ट्रांसफर किया गया था .

इस मामले में सीबीआई ने 21 आरोपितों के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर, साइस्ता परवीन उर्फ मधु समेत 20 आरोपित जेल में हैं. आरोप पत्र में आरोपितों पर बलात्कार, आपराधिक साजिश व बाल यौन शोषण रोकथाम अधिनियम (पॉक्सो) की धारा 6 के तहत आरोप लगाए गए थे. मिली जानकारी के मुताबिक आरोप साबित होने पर आरोपितों को कम से कम दस साल कैद व अधिकतम उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है. गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में साकेत कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुलश्रेष्ठ ने फैसले को टालते हुए 20 जनवरी यानि आज की तारीख तय की थी. इस मामले में विभिन्न कारणों से तीन बार फैसला टल चुका है .

बता दें कि ये पूरा मामला बिहार के शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों और युवतियों से दुष्कर्म से जुड़ा हुआ है. दरअसल, टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस (TISS) की रिपोर्ट कई आश्रय गृहों में बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न होने की बात सामने आई थी. सीबीआई का आरोप था कि जिस शेल्टर होम में बच्चियों के साथ दुष्कर्म हुआ है वह ब्रजेश ठाकुर का है. इसके अलावा शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण के अधिकारी भी मामले में आरोपी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने शेल्टर होम केस को 7 फरवरी 2019 को बिहार से दिल्ली ट्रांसफर किया था. इसके बाद 23 फरवरी से इस मामले की साकेत कोर्ट में सुनवाई चल रही थी. लगभग सात महीने की सुनवाई के बाद 30 सितंबर में साकेत कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

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