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आईएसआई भारत में आतंकी हमले के लिए रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश में दे रही ट्रेनिंग

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारत के खिलाफ आतंकी हमले की साजिश रच रही है. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, भारत पर हमले के लिए आईएसआई करीब 40 रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश में ट्रेनिंग दे रही है. इसमें बांग्लादेशी आंतकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन (जेएमबी) आईएसआई की मदद कर रहा है. इसके बाद सीमा पर तैनात सुरक्षाबलों को अलर्ट किया गया है.

जेएमबी को आईएसआई से फंड मिल रहा है. जिन आतंकियों को आईएसआई ट्रेनिंग दे रही है, वे सभी बांग्लादेश के सीमावर्ती कॉक्स बाजार इलाके में रहते हैं. यहां बड़ी संख्या में म्यांमार से भागकर आए रोहिंग्या मुसलमानों ने शरण ली है. इनकी ट्रेनिंग के लिए सऊदी अरब और मलेशिया के जरिए पैसा पहुंचाया गया है. पहली किश्त में जेएमबी को एक करोड़ टका (बांग्लादेशी करेंसी) दिया गया है. खुफिया एजेंसियों ने यह जानकारी नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए से भी साझा की है.

पाकिस्तान ने एलओसी पर नाकाम होने के बाद बांग्लादेश को चुना
पाकिस्तान एलओसी पर भारतीय सुरक्षाबलों की चौकसी के चलते आतंकियों की घाटी में घुसपैठ कराने में नाकाम रहा. ऐसे में उसने भारत में हमलों को अंजाम देने के लिए बांग्लादेश को चुना है. पिछले साल, एनआईए प्रमुख वाई.सी. मोदी ने कहा था कि जेएमबी पूरे भारत में अपने जाल फैलाने की कोशिश कर रहा है और 125 संदिग्धों की सूची विभिन्न राज्यों के साथ साझा की गई है. इनके जमात-उल-मुजाहिदीन के नेृतत्व से करीबी रिश्ते हैं.

जेएमबी ने 4 साल में बेंगलुरु में 20-22 ठिकाने बनाए : एनआईए
एनआईए चीफ मोदी के मुताबिक, जेएमबी ने बांग्लादेशी शरणार्थियों की आड़ में झारखंड, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल जैसे राज्यों में अपनी गतिविधियां तेज की हैं. इस आतंकी संगठन ने 2014 से 2018 यानी 4 साल के भीतर अकेले बेंगलुरु में 20-22 ठिकाने बनाए और इसे दक्षिण भारत के दूसरे राज्यों तक फैलाने की कोशिश की. जेएमबी ने कर्नाटक सीमा पर कृष्णागिरी की पहाड़ियों में रॉकेट लॉन्चर तक टेस्ट किए हैं. जेएमबी ने भारत में 2007 में अपनी गतिविधियां शुरू कीं. शुरुआत में पश्चिम बंगाल और असम को अपना ठिकाना बनाया और फिर देश के अन्य राज्यों में पहुंचा.

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