बिहार : राजगीर के सीआरपीएफ प्रशिक्षण केंद्र में सिपाही पर खौलता पानी फेंके जाने का मामला मंगलवार को सामने आया. जख्मी सिपाही की तस्वीर के साथ यह घटना सोशल मीडिया (व्हाट्सएप ग्रुपों) पर तेजी से वायरल हो रही है. वायरल खबर में डीआईजी पर खौलता पानी फेंके जाने का आरोप लगाया जा रहा है. खबर की पड़ताल से ज्ञात हुआ कि गर्म पानी से जलकर जख्मी हुए हुए मेस के 64 बटालियन के सिपाही अमोल खरात का इलाज विम्स अस्पताल में कराया जा रहा है.
प्रशिक्षण केंद्र के सहायक कमांडेंट पीएन मिश्रा ने गर्म पानी से सिपाही के जलने की पुष्टि करते हुए बताया कि यह एक दुर्घटना है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रही सूचना में घटना का आरोप सीधे डीआईजी पर लगाया गया है. जिसमें बताया गया है कि सिपाही के चेहरे और कपड़े में खौलता पानी डाल दिया गया. जिससे सिपाही जलकर जख्मी हो गया. उसके चेहरे की चमड़ी झुलसकर हट गई. इसके अलावा जख्मी के मोबाइल को जब्त कर, वरीय अधिकारी उस पर घटना के संबंध में खुलासा नहीं करने का दबाव बना रहे हैं.
पॉट में गर्म पानी होने पर डीआईजी ने सिपाही को डांटा था
प्रशिक्षण केंद्र के सहायक कमांडेंट ने बताया कि सब इंस्पेक्टर और हेड कांस्टेबल का फाइनल टेस्ट चल रहा था. टेस्ट बोर्ड में मोकामा से डीआईजी डीके त्रिपाठी यहां पीठासीन थे. उन्हें डीआईजी त्रिपाठी से जानकारी मिली कि शाम में वह अपने कमरे में गए. जहां वॉटर पॉट से पानी पिया. पानी गर्म था. उन्होंने मेस सचिव, मेस कमांडर व सिपाही को बुलाकर पूछताछ की. सिपाही अमोल खरात ने उन्हें बताया कि उसने पॉट में पानी भरा था. जिसके बाद डीआई ने उससे कहा कि इतना गर्म पानी क्यों पॉट में रख दिया. उसी दौरान सिपाही के हाथ पॉट से टकरा गया, जिससे गर्म पानी उसके शरीर पर जा गिरा और वह झुलसकर जख्मी हो गया.