इस साल गणतंत्र दिवस परेड में इस बार पश्चिम बंगाल की झांकी नहीं दिखेगी. गणतंत्र दिवस 2020 के लिए पश्चिम बंगाल की झांकी के प्रस्ताव को चयन करने वाली एक्सपर्ट कमेटी ने ख़ारिज कर दिया है. बता दें कि इस बार की गणतंत्र दिवस परेड के लिए आए झांकियों के 56 प्रस्तावों में से 22 चुने गए हैं, जिनमें राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और केंद्रीय मंत्रालयों के छह प्रस्ताव हैं.
बंगाल की झांकी को मंजूरी ऐसे वक्त में नहीं मिली है, जब नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर ममता बनर्जी और केंद्र सरकार आमने सामने है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नागरिकता कानून के खिलाफ केंद्र सरकार के विरोध में खड़ी हैं. इस फैसले के बाद माना जा रहा है कि पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार में टकराव और भी बढ़ सकती है.
मंत्रालय को राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से झांकियों के 32 और केंद्रीय मंत्रालयों एवं विभागों से 24 प्रस्ताव मिले थे. मंत्रालय द्वारा जारी बयान बयान में कहा गया है,” पांच बैठकों के बाद उनमें से राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 16 और मंत्रालयों/विभागों के छह प्रस्ताव अंतिम रूप से गणतंत्र दिवस परेड 2020 के लिए चुने गए हैं.
मंत्रालय के बयान के अनुसार पश्चिम बंगाल के प्रस्ताव को विशेषज्ञ समिति द्वारा दो दौर की अपनी बैठकों में परीक्षण करने के बाद खारिज कर दिया गया.
टीएमसी सांसद सौगतो रॉय ने कहा कि बंगाल को बाहर करना घोर भेदभाव होगा. बंगाल एक समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है और इसका बहिष्कार मोदी-शाह की जोड़ी के पक्षपात को दर्शाता है.