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कांग्रेस ने लोकसभा में NPR बनाने की कही थी बात, लालू-मुलायम-शरद किसी ने नहीं किया था विरोध : रविशंकर प्रसाद

केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने रविवार को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर उपद्रवियों के साथ मिलकर बेवजह हंगामा और देश में बेफिजूल बहस खड़ा की जा रही है. वह राजधानी पटना स्थित विद्यापति भवन में आयोजित बीजेपी के भूतपूर्व एमएलसी सूरजनंदन कुशवाहा की पुण्यतिथि समारोह को संबोधित कर रहे थे.

जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने समारोह को संबोधित करते हुए रविवार को कहा कि ”सात मई, 2010 को एनपीआर पर संसद में बहस हुई थी. तत्कालीन कांग्रेस सरकार में गृह मंत्री पी चिदंबरम ने इसे बनाने की घोषणा की थी. इंदिरा गांधी ने यूगांडा से निकाले गये भारतीयों और राजीव गांधी ने तमिलों को नागरिकता दी थी. उससमय वह सही थे. उन्हीं के बनाये कानून को लागू करने का काम आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह कर रहे हैं, तो वह गलत हो गये.” उससमय मुलायम सिंह यादव, लालू यादव और शरद यादव बहस, किसी ने इसका विरोध नहीं किया.” 

साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सबसे ज्यादा पीड़ा यह है कि देश पर 55 साल राज करने के बावजूद आज वह टुकड़े-टुकड़े गैंग के साथ खड़ी है. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर उपद्रवियों के साथ मिलकर बेवजह हंगामा और देश में बेफिजूल की बहस खड़ा कर रही है. जबकि, सीएए पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर आनेवाले सभी वर्ग के गैर-मुस्लिम लोगों के लिए है.

इन देशों से प्रताड़ित होकर आये करीब दो मुस्लिम को पांच साल में यहां की नागरिकता दी गयी है. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि इसकी हकीकत आम लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देश में नेशनल रजिस्टर ऑफ पॉपुलेशन बनेगा. यह कानून तीन दिसंबर, 2004 को लागू किया गया था. उस समय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह थे.

उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूद सरकार के पास एनआरसी को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं है. असम में एनआरसी सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर लागू किया गया है. अमेरिका, इंग्लैंड, डेनमार्क जैसे कई लोकतांत्रिक देशों में ऐसे कोई नहीं प्रवेश कर सकता है. हर देश के पास अपनी नागरिकता सूची है. किसी के खिलाफ आलोचना और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का अधिकारी सभी को है. लेकिन, तोड़-फोड़ करनेवालों पर सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी. पीएफआइ संगठन सिम्मी का ही दूसरा रूप है.

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