गुजरात हाईकोर्ट ने सूरत में तीन साल की बच्ची से दुष्कर्म और उसकी हत्या करने के दोषी को शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई. शहर के लिंबायत क्षेत्र में पिछले साल अक्टूबर में मासूम के साथ दरिंदगी की घटना सामने आई थी. पुलिस ने इस मामले में बिहार के अनिल यादव को गिरफ्तार किया था. हाईकोर्ट की बेंच ने फैसले में घटना को रेयरेस्ट ऑफ रेयर करार दिया है.
इससे पहले ट्रायल कोर्ट ने 5 महीने में सुनवाई पूरी कर जुलाई में अनिल को पॉक्सो एक्ट और हत्या का दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी. अब हाईकोर्ट ने अदालत के फैसले को बरकरार रखा है.
जानकारी के मुताबिक, अनिल ने 14 अक्टूबर, 2018 को बच्ची का अपहरण कर दुष्कर्म किया था. जब बच्ची ने बचने की कोशिश की, तो उसके सिर पर डंडे से वार किया, जिससे बच्ची को ब्रेन हेमरेज हो गया. इसके बाद अनिल ने बच्ची का गला घोंट दिया था. दोषी ने शव को प्लास्टिक बैग के अंदर घर में छिपा रखा था. वह खुद बच्ची के परिवार के साथ मिलकर उसे ढूंढने का नाटक करता रहा.
पूरे गुजरात ने शोक मनाया था
बच्ची के साथ दरिंदगी के बाद गुजरात के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए थे और किन्नरों ने नवरात्रि उत्सव नहीं मनाया था. लोगों ने भी पूजा पंडालों में बच्ची को श्रद्धांजलि दी थी. दरिंदगी की घटना में जब आरोपी का बिहार से निकला तो शहर में उत्तर प्रदेश और बिहार से आने वाले लोगों पर हमले किए गए थे.
बच्चियों से दुष्कर्म के दोषी को फांसी को मंजूरी
संसद ने पिछले साल बच्चों के साथ यौन अपराधों के मामले में कड़ी सजा का प्रावधान किया था. इसके तहत, 12 साल से कम उम्र की लड़कियों के दुष्कर्म के दोषी को फांसी की सजा देने के कानून को मंजूरी दी गई थी.