जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के नेता और उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी के अंदर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और प्रस्ताविक राष्ट्रीय नागरिक पंजी का विरोध किया है.
उन्होंने गुरुवार को ट्वीट करते हुए राहुल गांधी को धन्यवाद किया। बता दें कि राहुल, सोनिया, प्रियंका गांधी सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने दिल्ली में महात्मा गांधी की समाधि स्थली राजघाट पर जाकर सत्याग्रह किया था. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ ट्वीट करते हुए रहा था कि उनकी पार्टी का मामना है कि इससे समाज बंटेगा. हालांकि 49 साल के राहुल उस समय आधिकारिक विदेश यात्रा पर थे जब देशभर में विरोध प्रदर्शन की शुरुआत हुई थी. राहुल की गैरमौजूदगी में उनकी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा विरोध में कांग्रेस का चेहरा थीं. वह पिछले हफ्ते सीएए के खिलाफ इंडिया गेट पर आयोजित प्रदर्शन में शामिल हुई थीं.
सोमवार को कांग्रेस ने सत्याग्रह कानून के खिलाफ पहला विरोध प्रदर्शन किया था. अपने ट्वीट में प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी को नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ नागरिकों के आंदोलन में शामिल होने पर धन्यवाद कहा. उन्होंने उनसे कांग्रेस राज्यों में एनआरसी लागू न करने की घोषणा करने को कहा।
किशोर ने ट्वीट कर कहा, ‘सीएए एनआरसी के खिलाफ नागरिकों के आंदोलन में शामिल होने के लिए धन्यवाद राहुल गांधी. लेकिन जैसा कि आप जानते हैं लोगों के प्रदर्शन से इतर हमें एनआरसी को रोकने के लिए राज्यों को इसे लागू करने मना करने को कहना पड़ेगा. हमें उम्मीद है कि आपने कांग्रेस अध्यक्ष को मना लिया होगा कि वह आधिकारिक तौर पर यह घोषणा कर सकें कि कांग्रेस शासित राज्यों में एनआरसी लागू नहीं होगा.
कांग्रेस पर उठाए थे सवाल
प्रशांत पहले अपने दल जदयू के संसद में सीएए को समर्थन देने पर भी नाराजगी जताते हुए न सिर्फ विरोध कर चुके हैं, बल्कि इसके बाद उन्होंने नीतीश कुमार को भी एनआरसी का विरोध करने के लिए राजी कर लिया.
प्रशांत किशोर ने इस मुद्दे पर कांग्रेस को महज सांकेतिक और खानापूर्ति की राजनीति न करने को कहा था. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को महज खानापूर्ति करने की बजाय खुल कर एलान करना चाहिए कि जिन पांच राज्यों में उसकी सरकारें हैं, वहां एनआरसी लागू नहीं किया जाएगा. एनआरसी और सीएए के विरोध में खुद को बताने वाली कांग्रेस अभी तक इससे क्यों बच रही है.