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Jaipur Bomb Blast Case – जयपुर को मिला इंसाफ, चारों गुनाहगारों को फांसी की सजा

जयपुर. आखिरकार 11 साल बाद जयपुर (Jaipur) को इंसाफ (Justice) मिल गया. 13 मई, 2008 को पिंकसिटी को सीरियल बम ब्लास्ट (Serial bomb blast) से दहलाने वाले गुनाहगारों को विशेष कोर्ट (Special court) के जज अजय कुमार शर्मा प्रथम (Judge Ajay Kumar Sharma First) ने शुक्रवार को सजा सुनाई.  विशेष कोर्ट ने चारों दोषियों फांसी की सजा सुनाई गई है.

गुनाहगारों को इन धाराओं में दोषी माना गया है
विशेष कोर्ट ने जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट केस में मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सलमान और सैफुर्रहमान को दो दिन पहले ही बुधवार को दोषी करार दिया था. विशेष कोर्ट ने इनको आईपीसी की धारा 120 B, 302, 307, 326, 324, 427, 121-A, 124-A, 153-A  में दोषी करार दिया था. वहीं विस्फोटक पदार्थ निवारण अधिनियम की धारा-3, विधि विरुद्ध क्रियाकलाप अधिनियम की धारा 13, 16, 16 (1) A और धारा 18 में भी सभी चारों आरोपी दोषी माने गए थे. शुक्रवार को चारों दोषियों को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया. इस दौरान कोर्ट में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे. फैसले को देखते हुए कोर्ट परिसर में काफी भीड़ रही.


एक आरोपी को बरी किया जा चुका है

विशेष कोर्ट ने इस मामले में जहां चारों आरोपियों मोहम्मद सैफ, सरवर आजमी, सलमान और सैफुर्रहमान को बम ब्लास्ट का दोषी करार दिया था, वहीं मुजाहिद्दीन के नाम से धमाकों की जिम्मेदारी लेने वाले आरोपी मोहम्मद शहबाज हुसैन को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया था. इनमें से केस 2 में सैफुर्रहमान, केस 4 में सरवर, केस 5 में मोहम्मद सैफ और केस 8 में सलमान को दोषी घोषित किया गया है. कोर्ट ने सभी आठों मामलों में फैसला सुनाया था. 4 केस में बम प्लांट करने वाले का पता नहीं लग सका, लेकिन सभी 4 आरोपी साजिश के दोषी सिद्ध हुए थे.

13 मई, 2008 को गुलाबी नगरी में हुए थे सीरियल बम ब्लास्ट
करीब 11 साल पहले 13 मई, 2008 को जयपुर में एक के बाद एक लगातार हुए 8 सीरियल बम ब्लास्ट में 71 लोगों की मौत हो गई थी. इनमें 185 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस मामले में जयपुर के माणक चौक और कोतवाली थाने में 4-4 अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थी.एसओजी ने पकड़ा था ब्लास्ट केस के आरोपियों को
ब्लास्ट केस के कुल 11 आरोपियों में से 5 को राजस्थान एसओजी ने गिरफ्तार किया था. एक आरोपी को गत वर्ष दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जबकि तीन आरोपी मिर्जा शादाब बेग उर्फ मलिक, साजिद बड़ा और मोहम्मद खालिद अभी तक फरार हैं. दो आरोपी मोहम्मद आतिफ अमीन उर्फ बशीर और छोटा साज़िद बाटला एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं. शुरुआत में तो मामले का ट्रायल काफी धीमी गति से चल रहा था. लेकिन पिछले 1 साल से इस केस ने काफी तेज गति पकड़ी.

यूं चला था गिरफ्तारी का सिलसिला
एसओजी ने सितंबर, 2008 में सबसे पहले इंडियन मुजाहिद्दीन को घटना की जानकारी मेल करने वाले आरोपी मोहम्मद शहबाज हुसैन को गिरफ्तार किया था. बाद में उसकी निशानदेही पर पुलिस ने मार्च, 2009 में मोहम्मद सैफ उर्फ कैरीऑन और मोहम्मद सरवर आज़मी को गिरफ्तार किया. बाद में मोहम्मद सलमान और सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान अंसारी को गिरफ्तार किया गया. उसके बाद गत वर्ष आरिज खान उर्फ जुनैद को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था. लेकिन राजस्थान पुलिस ने उसे अभी तक प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार नहीं किया है.

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